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पाकिस्तानी अदालत ने मुंबई हमलों के मास्‍टरमाइंड हाफिज सईद के रिश्तेदार को सुनाई 32 साल कैद की सजा


पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक अदालत ने आतंकी वित्त पोषण के दो मामलों में हाफिज सईद नीत जमात-उद-दावा के प्रवक्ता को 32 साल कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि हाफिज सईद 2011 में मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकवादी हमलों का सरगना है। अदालत ने आतंकी वित्त पोषण के मामले में ही सईद के रिश्तेदार सहित जमात-उद-दावा के दो अन्य नेताओं को भी दोषी करार दिया।
एक अधिकारी ने कहा कि कहा, ‘आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश एजाज अहमद बुत्तार ने दो प्राथमिकियों से जुड़े मामले में जमात-उद-दावा के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद को 32 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं, दो मामलों में प्रोफेसर जफर इकबाल और प्रोफेसर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (सईद के रिश्तेदार) को क्रमश: 16 और एक साल कैद की सजा हुई है।’उन्होंने बताया कि आतंकी वित्त पोषण से जुड़े अन्य मामलों में जमात-उद-दावा के दो अन्य नेताओं अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद और तुकमान शाह के खिलाफ आरोप तय हुए हैं। अदालत ने अभियोजन पक्ष से 16 नवंबर को अपने गवाह पेश करने को कहा है।
पाकिस्तान खुद को कैसे भी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से खुद को बाहर निकालना चाहता है। लेकिन, इसके लिए उसे आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी। इसी कारण पाकिस्तान ने संभवत दिखावे के खातिर इन आतंकवादियों को मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में डाला है। अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहता है तो उसकी आर्थिक स्थिति का और बेड़ा गर्क होना तय है। पाकिस्तान को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्‍व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। पहले से ही कंगाली के हाल में जी रहे पाकिस्तान की हालात और खराब हो जाएगी। दूसरे देशों से भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलना बंद हो सकता है। क्योंकि, कोई भी देश आर्थिक रूप से अस्थिर देश में निवेश करना नहीं चाहता है।
क्या है एफएटीएफ : फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है। इसके अलावा एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में लश्कर के 10 आतंकियों ने हमला था जिसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 300 लोग घायल हो गए थे। उस दिन मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन, मुंबई के आलीशान ताज महल और ट्राइडेंड होटल सहित कई इलाके को निशाना बनाया गया था। मरने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस घटना के बाद अमेरिका ने हाफिज को ब्लैक लिस्ट कर दिया था और उसपर इनाम घोषित किया था।