
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन दिन की यात्रा पर जापान रवाना हो गए हैं। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। साथ ही सुरक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के कदमों पर भी चर्चा होगी।
न्यूक्लियर डील पर साइन
प्रधानमंत्री मोदी अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ सालाना शिखर स्तरीय बैठक करेंगे और जापान के सम्राट से भी मिलेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु करार पर भी हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है जिससे अमेरिका स्थित शीर्ष परमाणु कंपनियों का भारत में संयंत्र स्थापित करने का रास्ता साफ होगा।
परमाणु करार से जुड़ा इंटरनल प्रोसेस पूरा
पिछले साल दिसंबर में आबे की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इस बारे में व्यापक सहमति बनाई थी लेकिन अंतिम करार पर हस्ताक्षर नहीं किया जा सका था क्योंकि कुछ तकनीकी और कानूनी पहलुओं को सुलझाया जाना बाकी था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों देशों ने करार के मसौदे के जुड़े कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं समेत आंतरिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया है। स्वरूप ने बताया कि भारत और जापान के बीच परमाणु करार के विषय पर बातचीत कई वषरे से जारी है लेकिन इसके बारे में प्रगति रुकी हुई थी क्योंकि फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 2011 में दुर्घटना के बाद जापान में राजनीतिक प्रतिरोध की स्थिति थी।
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