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सऊदी अरब, UAE ने पकड़ी पाकिस्‍तान की गर्दन तो अय्याशी के लिए इमरान खान ने भेजे बाज


पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने संयुक्‍त अरब अमीरात के वाइस प्रेसिडेंट और दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद अल मक्‍तूम को 150 दुर्लभ बाज निर्यात करने की अनुमति दे दी है। दुनियाभर के वन्‍यजीव विशेषज्ञों की चिंताओं के बाद भी इमरान सरकार के इस क्रूर फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है। दरअसल, सऊदी अरब और UAE दोनों ने पाकिस्‍तान की गर्दन को दबोचना शुरू कर दिया है और अब दुबई के शासक को अय्याशी के लिए इमरान सरकार उन्‍हें बाज भेजने जा रही है।
पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान से यूएई को 150 बाज ‘निर्यात’ करने के ल‍िए विशेष अनुमति इमरान खान सरकार की ओर से दी गई है। सूत्रों के मुताबिक यह अनुमति विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई थी और इसे यूएई के दूतावास को सौंप दिया गया है। बता दें कि इन दुर्लभ बाज की मदद से अरब देशों के शिकारी हुबारॉ पक्षियों का शिकार करते हैं। इमरान सरकार ने यह अनुमति ऐसे समय पर दी है जब संऊदी अरब ने अपने बचे हुए 2 अरब डॉलर वापस मांगे हैं, वहीं यूएई ने पाकिस्‍तानियों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगाया है। बड़ी संख्‍या में पाकिस्‍तानी नागरिक यूएई में रहते हैं और पैसा भेजते हैं।

बाज पक्षी अंतर‍राष्‍ट्रीय कानूनों के मुताबिक संरक्षित जीव है और इसका निर्यात प्रतिबंधित है लेकिन पाकिस्‍तान की इमरान सरकार ने अपने देश की डूबती नैया को पार लगाने के लिए अब इन बेजुबानों की बलि दे दी है। अरब के शिकारी अब इन बाज को अपने बूढ़े हो चुके बाज की जगह पर इस्‍तेमाल करेंगे। खुद पाकिस्‍तान में ही बाज की बिक्री प्रतिबंधित है और इसका व्‍यापार गैर कानूनी माना जाता है।

पाकिस्‍तान में सऊदी अरब के राजकुमारों की दादागिरी : इससे पहले वर्ष 2014 में पाकिस्‍तान की एक अदालत ने बाज के निर्यात और हुबारॉ के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था तो सऊदी अरब और यूएई के साथ उसके संबंध रसातल में चले गए थे। भारी तनाव के बाद पाकिस्‍तान सरकार झुक गई थी और उसने बाज को भेजने की अनुमति दे दी थी। हुबारॉ तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है। हर साल सर्दियों के मौसम में ये मध्य एशिया से उड़कर पाकिस्तान आते हैं।
इन्‍हीं हुबारॉ पक्षियों का शिकार करने के लिए खाड़ी देशों के राजकुमार और धनी लोग पाकिस्‍तान चले आते हैं। सऊदी अरब के राजकुमारों की दादागिरी का आलम यह है कि सउदी प्रिंस ने करीब 2,100 पक्षियों का शिकार किया, जबकि उन्हें मात्र 100 पक्षियों के शिकार की अनुमति दी गई थी। पिछले चार दशकों से भी ज़्यादा समय से पाकिस्तान अरब देशों के उच्चाधिकारियों को बाज की मदद से होने वाले शिकार के लिए न्यौता देता रहा है। पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है।