पाकिस्तान में प्रतिबंधित धार्मिक कट्टरपंथी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने फिर बवाल काटा है। इस दौरान लाहौर में हुई झड़प में तीन पुलिसकर्मी मारे गए हैं, जबकि कई अन्य घायल हो गए। लाहौर के डीआईजी (ऑपरेशन) के प्रवक्ता मजहर हुसैन ने मारे गए पुलिसकर्मियों की पहचान अयूब और खालिद के रूप में की है। तीसरे अधिकारी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। हालांकि, पाकिस्तानी पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री ने तीन पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि जरूर की है।
उपद्रवियों ने पुलिस पर फेंके पेट्रोल बम :पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस उपद्रव के दौरान कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम भी फेकें। अधिकारियों ने जब उन्हें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने की कोशिश की, तब वे उग्र हो गए। गुस्से में भीड़ ने लाठियों का भी इस्तेमाल किया और पथराव भी किया। उपद्रवियों के एक पुलिस चौकी पर हमला करने के बाद आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
दोबारा सड़कों पर क्यों उतरे टीएलपी समर्थक : टीएलपी ने अप्रैल महीने में पूरे पाकिस्तान को कई दिनों तक हिंसा की आग में जलाए रखा था। जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने मजबूरन टीएलपी को प्रतिबंधित करना पड़ा था। टीएलपी समर्थक इस समय अपने मुखिया साद हुसैन रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं। साद हुसैन रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तबसे ही वह पुलिस हिरासत में है।
टीएलपी ने पुलिस पर हमला करने का आरोप लगाया : वही, टीएलपी के प्रवक्ता सद्दाम बुखारी ने कहा कि पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर हमला किया जो इस्लामाबाद जा रही थी। उन्होंने दावा किया कि टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने इतिहास में सबसे खराब गोलाबारी को सहन किया। उन्होंने दावा किया कि इस हमले में 500 टीएलपी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं जबकि 15 की हालत गंभीर है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने दी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी : इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने पुलिसकर्मियों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने उनके परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके दुख की घड़ी में प्रांतीय सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा किकानून का शासन हर कीमत पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कौन है साद हुसैन रिजवी : खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान का नेता बन गया था। रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।
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