अमेरिका में बने एफ-16 और रूस में बने S-400 के बल पर ग्रीस को आंखें दिखा रहे तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान को अब करारा जवाब मिलेगा। ग्रीस को फ्रांस में निर्मित तबाही मचाने वाली मिसाइलों और बमों से लैस अत्याधुनिक राफेल विमान मिल गए हैं। चौथी पीढ़ी के ये लड़ाकू विमान जब ग्रीस की राजधानी एथेंस से सटे तंगारा एयर फोर्स बेस पहुंचे तो उनका ‘शस्त्रपूजा’ के साथ स्वागत किया गया। इससे पहले भारत के राफेल विमानों का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी शस्त्रपूजा से स्वागत किया था जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।
ग्रीस को मिले राफेल विमान जब एयरफोर्स बेस पर उतरे तो पादरी ने विमानों और उनके पायलटों को अपना आशीर्वाद देकर उनका स्वागत किया। विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल विमानों के आने से ग्रीस की अपनी सीमाओं की रक्षा करने की ताकत कई गुना बढ़ गई है। ये विमान उन अत्याधुनिक और जोरदार क्षमता वाले हथियारों से लैस हैं जो अब तक इस इलाके में नहीं देखे गए थे।
राफेल विमानों में अत्याधुनिक निगरानी क्षमता : हेलेनिक आर्मी अकादमी में हथियारों के बारे में बताने वाले टीचर कोन्सटंटीनोस गिवास ने कहा, ‘इन राफेल विमानों में अत्याधुनिक निगरानी क्षमता है जो अपने अत्याधुनिक कैमरे की मदद से करीब 100 किमी तक किसी दूसरे एयरक्राफ्ट के थर्मल सिग्नेचर को पहचान लेते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘रेडार से अलग यह दुश्मन को इस बात का अहसास तक नहीं होने देते हैं कि उन्हें राफेल के पायलट ने देख लिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राफेल के कैमरे बीम नहीं छोड़ते हैं।’
गिवास कहते हैं, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी विमान मेटिओर एयर टु-एयर मिसाइल के साथ आ रहे हैं जो अभी पश्चिमी देशों के हथियारों के जखीरे में सबसे अच्छी मिसाइल मानी जाती है। इसकी आधिकारिक तौर पर रेंज 120 किमी है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह मिसाइल 150 किमी तक निशाना लगा सकती है। ये 6 राफेल विमान बिना दुश्मन को अपनी भनक दिए बिना ही जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं।’
ऊर्जा संसाधनों को लेकर ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव : दरअसल, भूमध्य सागर में ऊर्जा संसाधनों पर कब्जे को लेकर ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव चल रहा है। इस विवाद में फ्रांस ने खुलकर ग्रीस का साथ दिया है। ये राफेल विमान भी फ्रांस की मदद का हिस्सा हैं। उधर, तुर्की ने कहा कि इस क्षेत्र में सेना को तैनात कर फ्रांस बस तनाव को और बढ़ाएगा। असल में पिछले दिनों तुर्की का समुद्री तेल खोजी शिप ओरुक रीस ग्रीस के द्वीप कस्तेलोरिज़ो के नजदीक रिसर्च गतिविधि को अंजाम दे रहा था। ग्रीस का दावा है कि तुर्की का शिप उसके जलक्षेत्र में ऑपरेट कर रहा है। जबकि, तुर्की ने ग्रीस के दावे को नकारते हुए उस समुद्री हिस्से को अपना बताया है। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव है।
Πόνος σε άθεους & εθνομηδενιστές #Rafale pic.twitter.com/TZyfVUW0pG
— Andreas Mountzouroulias 🇬🇷 (@andreasmoun) January 19, 2022