
हिंदू धर्म में नवग्रह का बहुत महत्व बताया जाता है। कहते हैं हर व्यक्ति की कुंडली में इन ग्रहों का अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है। अच्छा प्रभाव होने पर तो ये ग्रह व्यक्ति की जीवन की उल्टी नैय्या को पार लगा देते हैं, परंतु वहीं अगर इन नवग्रहों में से कोई एक भी ग्रह बुरी स्थिति होने पर ये अपना नकारात्मक असर डालते हैं तो इंसान की अच्छी-खासी चल रही ज़िंदगी में भी मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। तो अगर आपके जीवन में भी बृहस्पति ग्रह की खराब दशा चल रही है तो आपको बता दें कि कुछ एेसे मंत्र है जिनके जाप से आपके जीवन में भी सब सही हो सकता है।
शास्त्रों के मुताबिक बृहस्पति ग्रह देवताओं के गुरु हैं। इसमें इनके स्वरूप को इस तरह वर्णित है, ये पीले या सुनहरे रंग के हैं और हाथ में एक छड़ी, एक कमल और गले में अपनी माला धारण करते हैं। गुरु के अच्छे फल पाने के लिए निम्न 3 माला का जाप प्रतिदिन करना चाहिए।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
ॐ देवानां च ऋषीणां गुरुं कांचनसन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ नमोः नारायणाय।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नम:।।
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से कुंडली में बृहस्पति ग्रह की चाल बिल्कुल ठीक हो जाती है। इसके अलावा आपको बता दें कि गुरु का रत्न पुखराज माना जाता। साथ ही बृहस्पति के दिन भोजन बेसन से बने पीले पदार्थों का सेवन करने से भी गुरु ग्रह बहुत प्रसन्न होते हैं।
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