
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बीते महीने, 1 मार्च को अपनी सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-V का सफल परीक्षण किया। ये परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 7,000 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली मिसाइल है। अप्रैल 2012 के बाद से यह अग्नि-V का 10वां परीक्षण है। हालिया परीक्षण इसलिए खास है क्योंकि ये मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (एमआईआरवी) तकनीक के साथ किया गया है। भारत काफी समय से एमआईआरवी तकनीक पर काम कर रहा है। पहली बार भारत ने MIRV क्षमता के प्रदर्शन को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है।
पाकिस्तान बेस्ड वर्ल्ड इको न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अपनी लंबी दूरी की वजह से भारत द्वारा अग्नि-V को चीन-विशिष्ट होने का दावा किया जाता है और MIRVed अग्नि-V के परीक्षण को चीन के परमाणु आधुनिकीकरण की प्रतिक्रिया के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। एमआईआरवी की तकनीकी जानकारी भारत को अन्य कम दूरी की भूमि और पनडुब्बी-आधारित मिसाइलों में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने में सक्षम बनाएगी। ये भारत और पाकिस्तान के बीच हथियारों की दौड़ बढ़ाएगी और दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
भारत की सेना तेजी से हो रही मजबूत – रिपोर्ट कहती है कि लगातार परीक्षण भारत के परमाणु शस्त्रागार का तेजी से विस्तार कर रहे हैं। एमआईआरवी के एकीकरण के बाद भारत के परमाणु शस्त्रागार का वास्तविक विस्तार और भी बड़ा हो सकता है, जो प्रत्येक मिसाइल पर लगाए जा सकने वाले हथियारों की संख्या और मिसाइलों की संख्या पर निर्भर करेगा। एमआईआरवी भारत को कई गुना मारक क्षमता प्रदान करने और कम डिलीवरी साधनों का उपयोग करके बड़ी संख्या में लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाता है, जो उच्च सटीकता के साथ संयुक्त रूप से कठोर काउंटरफोर्स लक्ष्यों के खिलाफ विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है। ऐसे में भारत के बढ़ते हथियार पाकिस्तान की भी नए हथियारों की ललक को बढ़ाएगा।
Home / News / भारत के अग्नि-5 मिसाइल के टेस्ट से क्यों खौफ में पाकिस्तान, समुद्र से जमीन तक उड़ रही नींद, ये है वजह
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