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ये है दुनिया की सबसे दुर्लभ व्हेल, जिस मछली को आजतक किसी ने नहीं देखा वो न्यूजीलैंड में मिली, जानें


न्यूजीलैंड के समुद्र तट पर एक दुर्लभ व्हेल मिली है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक ऐसी व्हेल है, जिसे आज तक किसी इंसान ने जिंदा नहीं देखा है। वैज्ञानिकों ने इस व्हेल को कोल्ड स्टोरेज में रख दिया है, ताकि आगे इसका विश्लेषण किया जा सके। अब तक सिर्फ इसके छह नमूने हैं।
न्यूजीलैंड के समुद्र तट पर एक दुर्लभ मछली का शव मिला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे दुर्लभ व्हेल मछली हो सकती है। यह कुदाल-दांतेदार व्हेल है, जो एक प्रकार की चोंच वाली व्हेल होती है। इसका नाम उसके दातों के नाम पर रखा गया है, जो कुदाल के आकार से मिलती जुलती है। उनके अस्तित्व के बारे में ज्यादातर जानकारी दशकों में खोजी गई हड्डियों और ऊतकों की एक श्रृंखला पर आधारित है और बाद में अनुक्रमित किया गया, जो एक नया साझा डीएनए दिखाता है। यह इतनी गहराई की मछली है कि इसे कभी भी लोगों ने जिंदा नहीं देखा है। 1800 के दशक के बाद आज तक सिर्फ छह नमूनों को डॉक्यूमेंट किए गए हैं।
एक्सपर्ट अब इस बात का पता लगाने में लगे हैं कि क्या 5 मीटर लंबी मछली दुर्लभ व्हेल है या नहीं। अगर ऐसा है तो यह पहली बार होगा जब वैज्ञानिक इसका विच्छेदन करेंगे। यह वैज्ञानिकों को अभूतपूर्व जानकारी दे सकता है। न्यूजीलैंड के संरक्षण विभाग (DOC) के तकनीकी सलाहकार हन्ना हेंड्रिक्स ने कहा, ‘यह व्हेल प्रजाति बेहद दुर्लभ है। इसलिए यह अवसर हमें इस बारे में अधिक जानकारी जानने की इजाजत दे सकता है कि जानवर कैसे और कहां रहता था और क्या खाता था?’
व्हेल के बारे में क्या है जानकारी? – विभाग ने कहा, ‘अगर हम इन पहलुओं के बारे में अधिक जानने में सक्षम होंगे तो हम यह भी जान सकेंगे कि क्या प्रजाति खतरे में है और उसे किन खतरों का सामना करना पड़ सकता है।’ DOC ने घोषणा की कि उसे 4 जुलाई को दक्षिण द्वीप के पूर्वी तट पर एक छोटे से गांव तायारी माउथ के पास एक व्हेल के शव मिलने की रिपोर्ट मिली थी। एक्सपर्ट्स ने शव का निरीक्षण किया, जिसके बाद वैज्ञानिकों का मानना था कि शव नर कुदाल-दांतेदार व्हेल का था। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अन्य परीक्षणों की जरूरत है।
कोल्ड स्टोरेज में रखी गई मछली – डीओसी कोस्टल ओटागो ऑपरेशंस मैनेजर गेब डेविस ने कहा, ‘वैज्ञानिक और संरक्षण के दृष्टिकोण से यह बहुत बड़ा है। यह दुख की बात है कि मछली जीवित नहीं है और हम जीवित अवस्था में इसका अध्ययन नहीं कर सके, लेकिन सबसे अच्छी बात कि इसका नमूना एकदम ताजा है।’ व्हेल को फिलहाल कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है। इस बीच आनुवंशिक नमूने ऑकलैंड विश्वविद्यालय में न्यूजीलैंड सिटासियन ऊतक संग्रह में भेजे गए हैं। हालांकि इसके विश्लेषण में महीनों लग सकते हैं।