हिंदू धर्म में बच्चों को संस्कार घर से ही दिए जाते हैं। उन्हें शिष्टाचार संबंधी कई बातों के बारे में सिखाया जाता है। बताया जाता है कि कैसे अपने से बड़ो को सम्मान व छोटों को प्यार देना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सिखाया जाता है कि किन लोगों के सामने पैर फैला करके नहीं बैठना चाहिए। आज हम आपको भी बताएंगे कि शास्त्रों के अनुसार किन चीज़ों की तरफ हमें पैर करके नहीं बैठना चाहिए।
श्लोक
नाभिप्रसारयेद् देवं ब्राह्मणान् गामथापि वा।
वाय्वग्निगुरुविप्रान् वा सूर्यं वा शशिनं प्रति।।
अर्थ- देवता, ब्राह्मण, गाय, अग्नि, गुरु, विप्र, सूर्य व चंद्रमा की ओर पैर नहीं फैलाना चाहिए।
देवता
शास्त्रों के मुताबिक हमें किसी भी देव या देवी के समक्ष पैर नहीं फैलाने चाहिए। क्योंकि देवता सदैव पूजनीय होते हैं, जान-बूझकर इनके मंदिर की दिशा की ओर पैर नहीं करना चाहिए।
ब्राह्मण
ऋग्वेद के अनुसार ब्राह्मणों की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मुख से हुई है। इसलिए इनकी ओर भी पैर नहीं करना चाहिए। वरना आप खुद ही पाप के भागीदार बन सकते हैं।
गाय
बहुत सारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का वास माना गया है। इसलिए गाय की ओर भी पैर नहीं करना चाहिए। बताया जाता है कि इसमें 33 कोटि के देवी-देवता वास करते हैं।
अग्नि
इसे देवताओं का मुख कहा गया है, इसलिए जिस स्थान पर अग्नि जल रही हो, उस ओर पैर नहीं फैलाना चाहिए।
गुरु
एक गुरु ही होता है, जो हमें परमात्मा से मिलाने का काम करता है और समाज को सही दिशा दिखाता है। इसलिए जहां गुरु बैठे हों, उस दिशा में पैर करके नहीं बैठना चाहिए।
सूर्य और चंद्रमा
बहुत से धार्मिक कामों में सूर्य व चंद्रमा की पूजा भी की जाती है, इसलिए इनकी ओर पैर नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही चंद्रमा को प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है।