
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड ने बुधवार को कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कम से कम आगामी 10 से 15 साल तक सत्ता में रहेंगे और दुनिया को लेकर उनके नजरिए के बारे में समझने की आवश्यकता है। रुड ने यहां मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) में एक व्याख्यान के दौरान कहा कि यह अपरिहार्य है कि शी जिनपिंग फिर से निर्वाचित होंगे… किसी वैकल्पिक उम्मीदवार की कोई जानकारी नहीं है। चीन के मामलों में विशेषज्ञ समझे जाने वाले रुड ने कहा कि शी जिनपिंग हमारे साथ कम से कम 2037 तक रहेंगे। वह 69 वर्ष के हैं और 2037 तक वह 84 वर्ष के होंगे। हमें इस तथ्य का आदी हो जाना चाहिए कि शी चिनफिंग और शी चिनफिंग का चीन लंबे समय तक रहेगा।
शी जिनपिंग की कमजोर कड़ी का खुलासा किया : उन्होंने कहा कि भविष्य में चीनी अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन निजी क्षेत्र को मिली संचालन की पूर्ण स्वतंत्रता पर कई कदमों द्वारा लगाम लगाए जाने के कारण शी की रणनीतिक दृष्टि की एक कमजोर कड़ी साबित हो सकता है। रुड ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में उसके आर्थिक दल के चयन पर लोग निकटता से नजर रखेंगे। इस दल को अगले 10-15 वर्षों के लिए अर्थव्यवस्था को पुन: आकार देने का काम सौंपा जाएगा।
रुड का दावा- निजी कंपनियों पर लगाम लगा रहा है चीन : लेबर पार्टी के पूर्व नेता ने कहा कि चीन ने 1980 के दशक में सुधारों की शुरुआत के बाद से शानदार आर्थिक विकास किया और देश के सकल घरेलू उत्पाद के 61 प्रतिशत हिस्से पर निजी क्षेत्र का नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि चीन ने निजी क्षेत्र पर लगाम लगाने के लिए निजी कंपनियों में पार्टी की समितियों को सम्मिलित करने, निजी कंपनियों में सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों की हिस्सेदारी और सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों के फिर से उदय जैसे कदम उठाए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने चीन को लेकर बदली रणनीति : रुड ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने 2007 के आसपास दुनिया को लेकर चीन के दृष्टिकोण में बदलाव को महसूस किया और चीन का मुकाबला करने के लिए चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के विचार का प्रस्ताव रखा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका शामिल हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि अन्य तीन देशों की प्रतिकूल प्रतिक्रिया के कारण यह समूह मजबूत नहीं हो पाया।
रुड की किताब का हुआ विमाोचन : रुड ने कहा कि क्वाड के विचार ने भारतीय सीमा, दक्षिण चीन सागर और जापान के खिलाफ चीन की कार्रवाइयों की प्रतिक्रिया के रूप में 2017 में फिर से जड़ें जमाईं। इस अवसर पर रुड की पुस्तक ‘द अवॉइडेबल वॉर: द डेंजर्स ऑफ ए कैटस्ट्रोफिक कॉन्फ्लिक्ट बिटवीन यूएस एंड शी चिनफिंग्स चाइना’ का भी विमोचन किया गया।
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