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तेजस का तेज देखेगी दुनिया, सामने होगा पाकिस्‍तानी ‘कबाड़’ और चीन का J-10C जेट, कहां होगी टक्‍कर?


भारत के स्‍वदेशी फाइटर जेट तेजस दुबई एयर शो में अपनी दमदार ताकत का प्रदर्शन करने जा रहा है। इस एयर शो के दौरान पाकिस्‍तान और चीन का मिलकर बनाया हुआ जेएफ-17 फाइटर जेट और चीन का अपना जे-10 सी लड़ाकू विमान भी कलाबाजियां करता हुआ नजर आएगा। भारत, पाकिस्‍तान और चीन के इन फाइटर जेट पर दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी। यह एयर शो 13 से 17 नवंबर के बीच में आयोजित होने जा रहा है। इसे दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित एयर शो में शामिल किया जाता है। इस दौरान लड़ाकू, बिजनस और व्‍यापारिक व‍िमानों का प्रदर्शन किया जाता है ताकि दुनिया के देश इसे खरीद सकें।
यही वजह है कि भारत अपने स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट का प्रदर्शन करने जा रहा है। वहीं पाकिस्‍तान भी अपने कबाड़ साबित हो रहे जेएफ-17 फाइटर जेट और चीन इजरायली तकनीक बनाए गए जे-10 सी को भी प्रदर्शित करने जा रहा है। पाकिस्‍तान ने चीन की मदद से जेएफ-17 व‍िमान को बनाया है लेकिन म्‍यांमार में ये कबाड़ साबित हो रहे हैं। म्‍यांमार की सेना ने जेएफ-17 व‍िमान विद्रोहियों को कुचलने के लिए खरीदा था लेकिन ये उड़ान ही नहीं भर पा रहे हैं। इससे म्‍यांमार की सेना बुरी तरह से भड़क उठी है और उसने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को चेतावनी दी है।
तेजस के सामने पाकिस्‍तानी-चीनी जेट – जेएफ-17 के फेल होने और भारत के राफेल फाइटर जेट खरीदने से घबराए पाकिस्‍तान ने चीन से जे-10 सी लड़ाकू व‍िमान खरीदा है। 8 नवंबर को भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की कि 3 स्‍वदेशी तेजस विमान दुबई के अल मक्‍तूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। ये विमान शो के दौरान हवाई कलाबाजी दिखाएंगे। हालांकि पाकिस्‍तानी वायुसेना ने अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की कि जेएफ-17 विमान दुबई आएंगे या नहीं। इस बीच दुबई एयर शो की वेबसाइट में यह दिखाया गया है कि पाकिस्‍तान अपने जेएफ-17 विमान को प्रदर्शित करने जा रहा है।
पाकिस्‍तानी एयरक्राफ्ट उड़ान भी भरेगा जिससे दर्शक आसानी से भारतीय तेजस और उसकी क्षमताओं का सीधे आकलन कर सकेंगे। चीन अपने 7 जे 10 सी विमान के साथ दुबई पहुंच रहा है। साल 2017 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब चीनी वायुसेना की एयरोबैटिक्‍स टीम इस शो में शामिल होने जा रही है। यही नहीं जे10 सी में लगातार आ रहे सुधारों के बाद पहली बार उसे खाड़ी देशों के इस महाकुंभ में पेश किया जा रहा है। चीन खाड़ी देशों को अपने हथियार बेचने के लिए लालायित है जो तेल के पैसे से मालामाल हैं।