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Spirituality

स्त्री हो या पुरुष, इन 3 कार्यों में कभी नहीं करनी चाहिए शर्म

भारत में ऐसे अनेक दार्शनिक हुए हैं जिन्होंने अपने युग की समस्याओं के संदर्भ में मानवता को सच की राह दिखाई। चाणक्य भी उन्हीं में से एक थे। उनके अनुभवों का संग्रह यानी चाणक्य नीति आज भी कई समस्याओं का सही हल बताने वाली पुस्तक कही जा सकती है। वास्तव में यह चाणक्य के अनुभवों पर आधारित एक जीवन संहिता …

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सावधान! ये काम करके आप दूसरे के बुरे कर्म अपने ऊपर ले लेते हैं

कैसा लगता है जब कोई तुम पर दोषारोपण करता है? सामान्यत: जब कोई तुमको दोष देता है तो तुम बोझिल और खिन्न महसूस करते हो या दुखी हो जाते हो। तुम आहत होते हो क्योंकि तुम आरोपों का प्रतिरोध करते हो। बाहरी तौर पर तुम विरोध न भी करो परन्तु अंदर कहीं जब तुम प्रतिरोध करते हो तो तुम्हें पीड़ा …

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अद्भुत तरीके से प्रकट हुए श्री बालकृष्ण जानें, कैसे हुआ ये चमत्कार

एक दिन श्रील मध्वाचार्य जी समुद्र स्नान के लिये जा रहे थे। जाते-जाते आप श्रीकृष्ण के चिन्तन में मग्न थे। उसी में विभोर आप एक बालु की पहाड़ी पर चढ़ गये। उस समय आपने देखा कि दूर समुद्र की रेतिली भूमि में एक नाव फंस गयी है और वह बड़े ही अजीब ढंग से हिचकोले खा रही है। नाव को …

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सूनी गोद भर देती हैं मां कूष्माण्डा जानें, कैसे होगा यह चमत्का

श्लोक: या देवी सर्वभू‍तेषु कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। अवतार वर्णन: शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप में नवरात्र पर्व पर मां कूष्माण्डा की आराधना का विधान है, आदिशक्ति दुर्गा का कूष्माण्डा के रूप में चौथा स्वरूप भक्तों को संतति सुख प्रदान करने वाला है। इनकी आराधना से भक्तों को तेज, ज्ञान, प्रेम, उर्जा, वर्चस्व, …

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ऐसा क्या था बुद्ध के पैर में, एक ज्योतिषी रह गया दंग

आषाढ़ माह की गर्म दोपहर थी। भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ भ्रमण पर जा रहे थे। उस रास्ते में कहीं पेड़ भी नहीं थे। चारों तरफ बिखरी थी तो बस रेत ही रेत। रेत पर चलने के कारण तथागत् के पैरों के निशान बनते जा रहे थे। ये निशान सुन्दर थे। तभी अचानक शिष्यों को दूर एक पेड़ दिखाई …

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जमीन-जायदाद के मालिक बनना चाहते हैं तो करें मां शैलपुत्री का पूजन

या देवी सर्वभू‍तेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। आधार: पौराणिक कथाओं के अनुसार नवदुर्गा के पहले स्वरूप में मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है, वास्तविकता में मां शैलपुत्री मूलरूप से महादेव शंकर कि अर्धांगिनी पार्वती जी का ही एक रूप हैं, मां पार्वती जी पूर्वजन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं तथा उस जन्म …

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9 नहीं 10 दिन तक चलेंगे नवरात्र जानिए, किस दिन रहेगा कौन सी देवी का दिन

1 अक्टूबर से मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगा। इस वर्ष प्रतिपदा तिथि दो दिन तक रहेगी इसलिए नवरात्र 9 नहीं 10 दिन तक चलेंगे। नवरात्र के अतिरिक्त और भी बहुत सारी शुभ तिथियां आ रही हैं। आईए जानें, किस दिन रहेगा कौन सी देवी का दिन पहला नवरात्र: …

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राजा दशरथ को श्राद्ध का भोजन खाते देख डर गई थी देवी सीता

श्राद्ध पक्ष का संदेश देते हुए भगवान कहते हैं, ‘‘वैदिक रीति से अगर आप मेरे स्वरूप को नहीं जानते हैं तो श्रद्धा के बल से जिस-जिस देवता के, पितर के निमित्त जो भी कर्म करते हैं। उन-उनके द्वारा मेरी ही सत्ता-स्फूर्ति से तुम्हारा कल्याण होता है। देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों …

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‘श्राद्ध’ का सीधा संबंध धर्म और विज्ञान से

ज्योतिष-आचार्य आशीष ममगाई       श्रद्धावान लभते ज्ञानमप्श्रद्धावान व्यक्तियों को ज्ञान प्राप्त होता है, ऐसा शास्त्र कहता है और जिसे ज्ञान प्राप्त होता है, उसे लाभ भी जरूर मिलता हैप् तो पहले वाक्य में बात हुई धर्म की और दूसरे में विज्ञान कीप् क्योंकि यह विज्ञान ही है जो ज्ञान की कसौटी पर सारी चीजें मापता-तोलता है, धर्म-शास्त्र को …

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जानिए इस लेख से न्याय के अाधार पर अधिकार की सही परिभाषा

प्राचीन काल की बात है। शंख और लिखित दो सगे भाई थे। दोनों भाई अलग-अलग आश्रमों में रहते थे। एक बार लिखित शंख के आश्रम पर आए। शंख आश्रम में नहीं थे। लिखित को भूख लगी तो वह आश्रम में लगे वृक्षों से फल तोड़कर खाने लगे। थोड़ी देर में शंख वापस आश्रम में आए। उन्होंने लिखित से पूछा, ‘‘भैया, …

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