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पाकिस्तान में बढ़ते ही जा रहे गधे, एक साल में बढ़ी 1 लाख आबादी, 58 लाख गधों पर टिकी मुल्क की अर्थव्यवस्था!


पाकिस्तान इकोनॉमिक सर्वे (PES) 2022-23 से पता चला है कि पड़ोसी देश में गधों की आबादी में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान गधों की एक बड़ी आबादी के लिए जाना जाता है जो पिछले कुछ साल में लगातार बढ़ी है। साल 2019-20 में पाकिस्तान में 55 लाख गधे थे जो 2020-21 में बढ़कर 56 लाख हो गए। 2022-23 का सर्वे बताता है कि गधों की आबादी 57 लाख से बढ़कर 58 लाख हो गई है। यानी पिछले एक साल में देश में एक लाख गधे बढ़ गए हैं। ये गधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि सरकार इन्हें चीन को निर्यात करती है।
मवेशियों की आबादी के बारे में बात करते हुए सर्वे में बताया गया है कि पाकिस्तान में भैंसों की संख्या भी बढ़ी है जो पिछले वित्तीय वर्ष में 43.7 मिलियन से बढ़कर 45 मिलियन तक पहुंच गई है। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि भेड़ और बकरियों की आबादी भी क्रमशः 32.8 और 84.7 मिलियन हो गई है। हालांकि ऊंटों, घोड़ों और खच्चरों की संख्या में पिछले चार वर्षों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है और ये क्रमशः 1.1 मिलियन, 0.4 मिलियन और 0.2 मिलियन ही हैं।
जीडीपी में जानवरों का भी योगदान – पाकिस्तान इस वक्त गिरती अर्थव्यवस्था से जूझ रहा है। ज्यादातर क्षेत्र आर्थिक संकट के कारण प्रभावित हुए हैं लेकिन बिगड़ते हालात के बीच पशुधन क्षेत्र कृषि जगत में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनकर उभरा है। आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान पशुधन क्षेत्र कृषि मूल्य का लगभग 62.68 प्रतिशत है जो देश की जीडीपी में 14.36 प्रतिशत का योगदान करता है। यह पिछले साल 2.25 प्रतिशत की तुलना में 3.78 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
दुनिया में सबसे ज्यादा गधे चीन में- पाकिस्तानी अखबारों के अनुसार अफवाहें हैं कि पाकिस्तान सिर्फ चीन को गधों का निर्यात करके लाखों डॉलर कमाने पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी गधों की आबादी पाकिस्तान में है जहां 50 लाख से अधिक गधे हैं। इस मामले में चीन पहले नंबर पर है। कुछ खबरों की मानें तो चीन से भारी मांग के कारण पाकिस्तान में गधों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। जिलेटिन आधारित पारंपरिक चीनी दवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए चीन में हर साल करोड़ों गधों को मार दिया जाता है।