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Healthy Lifestyle: मन को शांत और प्रसन्न रखने के 8 बेस्ट योगासन


तेजी से दौड़ती जिंदगी के कारण अपनी सेहत का ख्याल रख पाना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में आप बिना जिम जाए सिर्फ योग करके ही खुद को फिट रख सकते हैं। योग भारत की एक ऐसी प्राचीन पद्धति है, जोकि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। नियमित योग करने से आप कई बीमारियों से से बचे रहते हैं। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे 10 आसन बताते हैं, जो आपको ताउम्र स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

प्राणायाम
प्राणायाम से मन को शांत रखने में भी मदद मिलती है। शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व दूर होते हैं। प्राणायाम यानी अपने अंदर की प्राण ऊर्जा को बढ़ाना। प्राण का अर्थ है शरीर के अंदर नाभि, दिल और दिमाग आदि में स्थित वायु जो सभी अंगों को चलित रखती है। आयाम के तीन अर्थ है पहला दिशा और दूसरा योगानुसार नियंत्रण या रोकना, तीसरा- विस्तार या लम्बायमान होना। प्राणों को ठीक-ठीक गति और आयाम दें, यही प्राणायाम है।
कपालभाति
कपालभाति मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के साथ-साथ यह आपकी पेट की चर्बी को भी कम करता है। इसके अलावा इससे आप कई गंभीर बीमारियों से भी बचे रहते हैं। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करती है। इसके लिए ध्यान की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें और शरीर को ढीला छोड़ें। इसके बाद धीरे से सांस अंदर ले और उसके बाद बाहर छोड़ें। शुरुवात इसे 30 बार करें और धीरे धीरे इसे 100-200 तक करें। 5-10 मिनट तक इस योग को करने से आपकी कई परेशानियां दूर हो जाएगी।
अनुलोम विलोम
रोजाना अनुलोम विलोम करने से ना सिर्फ आपकी पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठे। फिर दाई नाक को बंद करके बाई नाक से सांस लें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 मिनट तक दोहराएं। एेसा करने से कुछ ही मिनटों में सिर का दर्द दूर हो जाएगा।
शीतली आसन
आपको ठंडा-ठंडा कूल-कूल रखने के अलावा भी शीतली प्रणायाम के ढेरों फायदे हैं। इसे करने से नींद अच्छी आती है और प्यास कम लगती है। साथ ही ये प्राणायाम ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है। इसे करने के लिए पदमासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर अपनी जीभ को बाहर निकालकर एक नली यानी पाइप की तरह आकार दें और फिर सांस को धीरे-धीरे अंदर खींचकर पेट में भरकर मुंह बंद कर लें। इसके बाद जबड़े के अगले हिस्सो को छाती से सटा लें। कुछ देर श्वास रोकें और फिर गर्दन को सीधा कर नाक से सांस बाहर निकाल दें। याद रहें कि श्वास बाहर निकालने का समय श्वास लेने के समय से ज्यादा हो। इस क्रम को 10 से 50 बार तक कर सकते हैं।
भ्रामरी आसन
भ्रामरी आसन से तनाव, गुस्सा और अवसाद दूर होता है। साथ ही इससे मन व मस्तिष्क को शांति मिलती हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप समतल जमीन पर बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर कानों तक ले आए। इसके बाद अंगूठे से दोनों कानों को बंद कर दें। अब दोनों हाथो की तर्जनी उंगली को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर रखें। फिर मुंह बंद करके नाक से सांस लें। सांस को अंदर-बाहर छोड़ते हुए ओउम का उच्चारण करें। 15-20 सेकंड सांस अंदर-बाहर करने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाए। प्रैग्नेंट महिलाओं को यह आसान 4-5 बार करना चाहिए।
ध्यान (मेडिटेशन)
मेडिटेशन करने के लिए चौकड़ी माकर बैठें जाएं। इसके बाद आंखों को बंदकर कमर को सीधी करके बैठ जाएं। अब लंबी-लंबी सांस लें। आप चाहें तो शुरुआत में रिलैक्सेशन के लिए गाने भी लगा सकते हैं ताकि आपका ध्यान इधर उधर ना भटके। रोजाना मेडिटेशन करने से मन शांत, तन स्वस्थ, डिप्रैशन से छुटकारा मिलता है।

शवासन
दिनभर की भाग-दौड़ के बाद दिमाग पर बहुत ज्यादा स्ट्रैस पढता है। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए रोजाना शवासन करना शुरू करें। शवासन करने के लिए पीठ बल फर्श पर लेट जाएं। इसके बाद हाथों को साइड में रखें और आखों को बंद कर लें और सांस लें। इस मुद्रा में 4-5 मिनट रहें।

सूर्य नमस्कार
रोजाना सूर्य नमस्कार करने से हड्डियां मजबूत, दिमाग स्ट्रैस फ्री, पाइल्‍स और कब्‍ज से राहत, पीरियड्स रेगुलर, खूबसूरत त्‍वचा, मन की एकाग्रता बढ़ने के साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार होता है। सुर्य नमस्कार करने की 12 स्थितियां होती है। ये आपके लिए बहुत फायदेमंद है।