टोक्योः भारत की प्रगति के लिए जापानी निवेशकों को आकर्षित कर उन्हें अधिक से अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की 6 दिन की यात्रा पर वित्त मंत्री अरुण जेतली यहां आए हैं। कल यहां पहुंचे जेतली ने कहा कि उनकी इस यात्रा का मकसद बुनियादी सुविधा क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में जापानी निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करना है।
जेतली अपनी यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार के 2 साल के कार्यकाल में हुई प्रगति और कारोबार करने को आसान बनाने के तौर तरीकों के बारे में जापानी निवेशकों से बातचीत करेंगे। भारत में एक हजार जापानी कम्पनियां पहले ही काम कर रही है और प्रधानमंत्री शिंजो आबे जापानी निवेशकों की संख्या भारत में दौगुनी करना चाहते हैं।
जेतली ने कहा कि वह इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेशकों से व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मिलेंगे। इसके अलावा जापानी प्रधानमंत्री तथा अन्य सरकारी अधिकारियों से भी वित्त मंत्री 6 दिन की यात्रा के दौरान मुलाकात करेेंगे। जेतली ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद भारत में निवेशक और विदेशी कम्पनियां भारतीय विकास गाथा में अपना योगदान देने की इच्छुक है। भारतीय बुनियादी सुविधा क्षेत्र में निवेश की आपार संभावना है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा निवेश करने की इच्छुक सॉफ्ट बैंक के मुख्य कार्यकारी मसायोशी से जेतली ने कल मुलाकात भी की है। मसायोशी ने इस दिशा में काफी आगे कदम बढ़ाया है और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के स्थान को भी चिह्नित कर लिया है। उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि मसायोशी की तरह जापान के अन्य निवेशक भी व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए आइडिया दे सकते हैं। हम निवेशकों से इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड (एनआईआईएफ) से जुडऩे की अपील करते हैं। इससे उन्हें एक से अधिक अवसर प्राप्त होंगे।”