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अफगानिस्तान में मिले जिंदा बम ने छीन ली मासूम की जिंदगी, दो हफ्तों के भीतर दूसरी घटना


अफगानिस्तान के पूर्वी गजनी प्रांत के दियाक जिले में रविवार (21 मई) को बम ब्लास्ट की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया. ये ब्लास्ट तब हुआ जब दो बच्चों, जिनकी उम्र 9 और 12 साल थी. उन दोनों को एक बम मिला और उसे घर ले जाने की कोशिश कर रहे थे.
खामा प्रेस के रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के एक क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा कि बम में अचानक विस्फोट हो गया, जिससे एक बच्चे की तुरंत मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया.
जिंदा बम मिलने की वजह से ब्लास्ट – इस ब्लास्ट की वजह ये रही कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पहले चल रहे गृह युद्ध के दौरान बचे रह गए बहुत से बम यूं ही आस-पास के इलाके में मिल जाते है, जो डीएक्टिवेट न होने की वजह से ब्लास्ट कर जाते हैं. इसके वजह से ऐसी घटनाएं अफगानिस्तान में नियमित रूप में होते रहती हैं. इससे पहले अफगानिस्तान के नांगरहार क्षेत्र में इसी तरह की घटना में दो बहनों की मौत हो गई थी.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी प्रांत कंधार में 9 मई को एक घटना में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई थी. यह घटना कंधार शहर के हाजी अज़ीज़ पड़ोस में हुई जब बच्चों को एक बम मिला, जो पिछली लड़ाइयों के दौरान बिना ब्लास्ट के ही रह गई थी. खदान में ब्लास्ट उस वक्त हो गया, जब भाई-बहन खेल रहे थे, जिससे तीनों की मौत हो गई.
डिमाइनिंग को समर्थन मिल रहा है – हाल के सालों में पूरे देश में पिछली युद्ध में बिना फटे कई बम पाए गए हैं, जो पुरुषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों की मौत हो जा रही है. इससे बहुत से लोग घायल हो रहे हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और डिमाइनिंग को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, जापान, स्वीडन, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, और मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) और संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने योगदान दिया है. खामा प्रेस के अनुसार, पिछले नवंबर से देश में डिमाइनिंग को समर्थन मिल रहा है.