नई दिल्लीः
उद्योगपति विजय माल्या पर निगरानी नोटिस (लुकआऊट सर्कुलर) में बदलाव की वजह से आलोचनाओं का सामना कर रही सीबीआई ने इस मामले में अपनी गलती मानी। सीबीआई ने कहा कि आव्रजन ब्यूरो को भेजे गए नोटिस में माल्या को हिरासत में लेने की बात उसकी आेर से असावधानी की वजह से हुई।
माल्या के 2 मार्च को देश से बाहर जाने के बाद से इस मामले में विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला कर दिया है। कांग्रेस ने भाजपा को इस मुद्दे पर घेरते हुए कई आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने माल्या को हिरासत में लेने वाले नोटिस को एक महीने में ही बदलकर सिर्फ उनकी विदेश यात्रा की जानकारी देने तक सीमित कर दिया था।
सीबीआई की प्रवक्ता ने कहा कि 10 अक्तूबर, 2015 को छापेमारी के दौरान माल्या मिले नहीं थे। उसके बाद एजेंसी ने आव्रजन ब्यूरो को पत्र लिखकर कहा था कि आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपए के ऋण डिफाल्ट मामले में माल्या की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में सर्कुलर में आरोपी को हिरासत में लेने वाले कॉलम को एक एसपी स्तर के अधिकारी ने गलती से ‘भर’ दिया था।
प्रवक्ता ने कहा कि 23 नवंबर को सीबीआई के मुंबई कार्यालय को आव्रजन ब्यूरो ने माल्या के आने के बारे में सूचित किया था। ब्यूरो ने पूछा था कि क्या करना है। एेसे में एजेंसी ने सुधारात्मक उपाय करते हुए आव्रजन ब्यूरो से कहा कि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए और सिर्फ उनकी आवाजाही की जानकारी दी जाए। उसके एक दिन बाद लुकआऊट सर्कुलर में हिरासत को बदलकर सिर्फ आवाजाही की सूचना उपलब्ध कराना कर दिया गया।