इस्लामाबाद:भारत की राह पर चलने वाला पाकिस्तान किसी भी मामले में पीछे नहीं रहना चाहता।दरअसल भारत में नोटबंदी जैसे फैसले की तस्वीर पाकिस्तान में भी देखने को मिली।हालांकि पाकिस्तान की यह ‘नोटबंदी’ भारत की ‘नोटबंदी’ से अलग है।यह पुराने डिजाइन वाली करंसी को बाहर कर नए डिजाइन की करेंसी में बदलना चाहता है।इसका कालेधन पर कार्रवाई से कोई संबंध नहीं है।
फिर भी पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक,स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने पुराने डिजाइन वाले बैंक नोट को चलन से बाहर करने पर काम शुरू कर दिया है।संघीय सरकार ने फैसला किया है कि 10, 50, 100 और 1 हजार रुपए के नोटों की कानूनी वैधता खत्म की जाएगी।स्थानीय नागरिकों को इन्हें एक्सचेंज कराने के लिए 6 साल की समयसीमा दी है।सेट्रल बैंक के फील्ड ऑफिसर पुराने डिजाइन वाले नोटों को 31 दिसंबर 2021 तक स्वीकार करते रहेंगे।