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चीन की आक्रामकता के बीच ब्रुनेई पहुंचे पीएम मोदी, सुल्तान के साथ होगी मीटिंग, बढ़ेगी जिनपिंग की टेंशन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एशियाई देश ब्रुनेई की यात्रा पर पहुंचे हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ब्रुनेई यात्रा है। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता बढ़ती जा रही है। पीएम मोदी की इस यात्रा से माना जा रहा है कि चीन की टेंशन बढ़ेगी।
बंदर सेरी बेगवान: हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में लगातार चीन की आक्रामकता बढ़ती जा रही है। भारत उन देशों से संबंध मजबूत कर रहा है, जो चीन से परेशान हैं। चीन की आक्रामकता से ब्रुनेई अछूता नहीं है। चीन की आक्रामकता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान पहुंचे। सुल्तान हसनल बोलकिया के साथ गुरुवार को वह द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान वाणिज्यिक से लेकर सांस्कृतिक और रक्षा संबंधों तक पर बात होगी। अधिकारियों ने कहा कि रक्षा से जुड़ी एक वर्किंग ग्रुप के मीटिंग की संभावना भी तलाशी जा रही है। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
पीएम मोदी ने कहा कि वह सुल्तान हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात को लेकर उत्सुक हैं। ब्रुनेई भारत की ‘एक्स ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा हैं और दशकों से दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से भी एक हैं। वह चार बार अब तक भारत आ चुके हैं। 1992 और 2008 में उन्होंने भारत की राजकीय यात्रा की है। आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन 2012 और 2018 में उन्होंने हिस्सा लिया।
ब्रुनेई में रहते हैं 14000 भारतीय – विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व दिशा) जयदीप मजूमदार ने कहा, ‘पीएम मोदी ब्रुनेई के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के सभी पहलुओं पर द्विपक्षीय चर्चा में शामिल होंगे। वह सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाएंगे। हमारे बीच बहुत गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण संध हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ब्रुनेई के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हमारी भागीदारी रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में है। ब्रुनेई में लगभग 14000 भारतीय प्रवासी रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या डॉक्टर और शिक्षकों की है। भारतीयों ने ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में अपने योगदान के लिए सम्मान प्राप्त किया है।
कैसे रहे हैं संबंध? – मजूमदार ने आगे बताय, ‘हमें अपने अंतरिक्ष प्रोग्राम में ब्रुनेई से बहुमूल्य समर्थन मिला है। इस क्षेत्र में ब्रुनेई के साथ हमारे साथ तीन समझौता ज्ञापन हैं। हमने साल 2000 में एक टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड स्टेशन की स्थापना की। यह हमारे सभी पूर्व दिशा के सैटेलाइटों और इनके लॉन्चिंग को ट्रैक और मॉनिटर करता है। रक्षा हमारे द्विपक्षीय सहयोग में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हमारे पास रक्षा पर एक समझौता ज्ञापन है, जिस पर 2016 में हस्ताक्षर हुआ था। 2021 में इसे नवीनीकृत किया गया है। इसमें हाई लेवल पर नियमित बातचीत, नेवी और तटरक्षक जहाजों का एक दूसरे के देश में दौरा, प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास और एक दूसरे की प्रदर्शनियों में भाग लेना शामिल है।’ उन्होंने आगे कहा कि हम रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।