भारतीय राजनेता बीते कुछ दशकों से लगातार ये कह रहे हैं कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का सदस्य बनने का हकदार है। भारत का मानना है कि उसे गलत तरीके से इस निकाय में स्थायी सीट से वंचित किया गया है और उसे अब ये जगह मिलनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार का मुद्दा लंबे समय से दुनिया के सामने है। ये मामला अमेरिका में हालिया क्वाड समिट के दौरान भी उठा है। रविवार को क्वाड नेताओं ने यूएनएससी की सीटें बढ़ाने और इस निकाय को ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए इसमें सुधार का आह्वान किया है। क्वाड नेताओं ने अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का दिए जाने की मांग की है। भारत के लिए ये अहम है क्योंकि उसकी ओर से बीते कई वर्षों से यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग की जा रही है।
क्वाड समिट के बाद कहा गया है कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी श्रेणियों में विस्तार के माध्यम से इसे और अधिक प्रतिनिधि, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल जरूरत है। स्थायी सीटों के इस विस्तार में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन का प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन – अमेरिका ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट की मांग का भी समर्थन किया है। बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से बैठक में कहा है कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता भी शामिल है।
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