शुरुआती फ्रेंच ओपन खिताब जीतने के अगले साल वह विजेता बनी जस्टिन हेनिन से तीन कडे सेट गंवा बैठी थी। लेकिन 2014 में वह दूसरे राउंड के मुकाबले में स्पेन की युवा गार्बिन मुगुरुजा से पराजित हो गयीं थी। इससे दो साल पहले वह पहले राउंड में वर्जिनी राजानो से हार गयी थीं. निचली रैंकिंग की फ्रांसिसी खिलाडी से हारने के पश्चात विलियम्सन ने फ्रांस के कोच पैट्रिक मौराटोग्लू के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की. इसके बाद सेरेना के परिणाम काफी अच्छे रहे, उन्होंने दो विम्बलडन खिताब, 2012 से 2014 तक तीन लगातार अमेरिकी ओपन खिताब, पेरिस में फ्रेंच ओपन और 2015 में आस्ट्रेलियन ओपन अपने नाम किया.
सेरेना ने नौ महीने में अपना पहला खिताब पिछले हफ्ते रोम में जीता, वह फ्रेंच ओपन में अपने अभियान की शुरुआत स्लोवाकिया की दुनिया की 76वें नंबर की खिलाडी मागडालेना रेबारिकोवा के खिलाफ करेंगी. अमेरिकी स्टार खिलाडी ने कहा कि वह किसी दबाव में नहीं है. सेरेना ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब यह अलग है क्योंकि मैं और ज्यादा खिताब जीतना चाहती हूं लेकिन मुझे यह भी लगता है कि क्योंकि मुझे अब किसी को कुछ साबित नहीं करना, यह एक बिलकुल अलग अहसास है. ”
उन्होंने कहा, ‘‘जबकि पांच, 10 साल पहले मुझे लगता था कि ओह, मैं अपने खिताब का बचाव कर रही हूं और मेरे उपर दबाव रहता था. अब इस तरह है कि अरे मैं बचाव कर रही हूं, मैं पेरिस में हूं, मैं खेल रही हूं. मैं सिर्फ यहां आकर खुश हूं.” दो बार की विजेता मारिया शारापोवा डोपिंग के बादलों के कारण बाहर ही है, इसलिये सेरेना को यूरोप में से जर्मनी की एंजेलिक कर्बर, दो बार की विम्बलडन चैम्पियन चेक गणराज्य की पेत्रा क्वितोवा, 2014 में फाइनल में पहुंची रोमानिया की सिमोना हालेप, पोलैंड की एग्निस्का रादवांस्का और अजारेंका से चुनौती मिलने की उम्मीद है. लेकिन उनकी साथी अमेरिकी मैडिसन कीज से भी उन्हें कडी चुनौती मिल सकती है.