अमेरिका के रिहायशी इलाके के ऊपर एक साथ तीन नॉर्थरोप ग्रुम्मन बी-2 स्पिरिट परमाणु बॉम्बर्स को उड़ान भरता देख लोग दहशत में आ गए। दुनिया के सबसे महंगे विमानों में शुमार बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स अक्सर अधिक ऊंचाई पर और लोगों की नजरों से बचकर उड़ान भरते हैं। यह विमान इतना घातक है कि अमेरिका ने किसी भी देश को इसे बेचा नहीं है। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
उटाह राज्य में उड़ान भरते दिखे B-2 बॉम्बर्स : इन तीनों विमानों को उटाह राज्य में उड़ान भरते हुए स्पॉट किया गया है। बता दें कि इस राज्य में अमेरिकी वायुसेना का हिल एयरफोर्स बेस मौजूद हैं। यहीं पर बी-2 स्टील्थ परमाणु बॉम्बर्स का बेस भी मौजूद है। ये विमान हिल एयरफोर्स बेस से उड़ान भरकर अक्सर अमेरिका के अलग-अलग इलाकों में गश्त लगाते रहते हैं।
रडार पर नहीं दिखे ये तीनों विमान : SLCScanner नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यह ऐसा कुछ है जिसे आप रोज नहीं देखते हैं। मैंने उटाह काउंटी में एक साथ तीन विमानों को उड़ान भरते हुए देखा। जबकि रडार या ऑटोमेटिक डिपेंडेंस सर्विलॉन्स ब्रॉडकॉस्ट (ADSB) में कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। बता दें कि एडीएसबी की सहायता से विमानों की पोजीशनिंग को चेक किया जा सकता है।
16 परमाणु बम के साथ उड़ान भर सकता है बी-2 स्पिरिट : B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्बर माना जाता है। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह दुश्मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर बॉम्बर माना जाता है।
एयरफोर्स मैगजीन के साथ इंटरव्यू में वायु सेना के रैपिड कैपेबिलिटीज ऑफिस (आरसीओ) के डॉयरेक्टर रान्डेल जी वाल्डेन ने कहा कि पहला राइडर यानी बी-21 एक बॉम्बर की तरह दिखने वाला होगा। 2022 की शुरुआत में नॉर्थरोप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन कैलिफोर्निया के पामडेला में इंजन रन, टैक्सी टेस्ट और अन्य आवश्यक ग्राउंड फैसिलिटी को विकसित कर लेगा। इसके कुछ महीने बाद ही बी-21 बॉम्बर की पहली उड़ान को आयोजित किया जाएगा। इसे कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद 420 वें फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन इस विमान को व्यापक परीक्षणों के लिए टेकओवर कर लेगा। उन्होंने यह भी बताया कि हम इस विमान को आखिरी सीमा तक टेस्ट करने की तैयारी में है। इसमें दुनिया का सबसे आधुनिक स्टील्थ फीचर होगा, जिसे दुनिया के किसी भी रेडार से पकड़ा नहीं जा सकता है। एक बार सभी टेस्ट रिजल्ट आ जाए उसके तुरंत बाद इसे बड़े पैमाने पर बनाने का ऑर्डर दे दिया जाएगा।
अमेरिका पहले चरण में बी-21 बॉम्बर्स के दो यूनिट का निर्माण कर कहा है। दूसरी यूनिट भी असेंबलिंग लाइन पर तेजी से आगे बढ़ रही है। सभी असेंबलिंग लाइन पर अब पहले की तुलना में काम भी तेजी से हो रहा है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में दो से अधिक बी-21 बॉम्बर्स को बनाया जाएगा, लेकिन उन्होंने विमानों के निश्चित संख्या का खुलासा नहीं किया। बी-21 के लिए किए गए कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार, पहले चरण में 21 विमानों को बनाने की योजना है। दरअसल अमेरिकी एयरफोर्स बी-21 विमान को तेजी से हर पैमाने पर टेस्ट करना चाहती है। इसके लिए अधिक संख्या में विमानों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य के स्टील्थ बॉम्बर का निर्माण एक जटिल प्रयास है और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी तरफ से कोई भी कमी न रहे।
बी-21 बॉम्बर पारंपरिक हथियारों के अलावा परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा। इसमें लॉकहीड मार्टिन के एवियॉनिक्स, एपेरचर्स और एफ -35 में लगे कुछ सेंसर्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। बी-21 बॉम्बर अपने साथ 13607 किलोग्राम तक के पेलोड को लेकर उड़ान भरने में सक्षम होगा। इसमें एक बड़ा हिस्सा इंटरनल फ्यूल का होगा। जबकि, बाकी बचा हिस्से में बम और मिसाइलें लगी होंगी। बता दें कि यह विमान अमेरिका के बी-2 स्पिरिट से आकार में छोटा और कम भार उठाने वाला होगा। हालांकि, छोटे आकार के कारण रेडार इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर पाएंगे।
देखने में बी-2 स्पिरिट और बी-21 बॉम्बर लगभग एक जैसे हैं। इन दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर इनकी साइज और आधुनिकता है। बी-21 दुनिया का सबसे आधुनिक तकनीकी से लैस विमान होगा, जबकि बी-2 अब पुराना पड़ चुका है। चीन ने भी अमेरिका के बी-2 स्पिरिट की कॉपी कर एच-20 स्टील्ट बॉम्बर बना लिया है। बी-2 के डैनों की चौड़ाई 172 फीट है जबकि बी-21 के डैनों की चौड़ाई 150 फीट से भी कम होगी। बी-2 एक बार में 27215 किलोग्राम तक का भार लेकर उड़ान भर सकता है, जबकि बी-21 केलवल 13607 किलोग्राम का भार ही उठा सकेगा। हालांकि, बी-21 इतना घातक होगा कि यह एरियल रिफ्यूलिंग की मदद से पूरी दुनिया में बिना रुके कहीं भी हमला कर सकेगा।
B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्बर माना जाता है। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह दुश्मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर बॉम्बर माना जाता है। वर्ष 1997 में एक B-2 स्प्रिट बॉम्बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर हैं। यह बॉम्बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।
रूस ने अपने एस-400 और एस-300 मिसाइल सिस्टम को और घातक बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस सिस्टम में रूस नई तरह की कई मिसाइलों को शामिल करने जा रहा है जो दुश्मन के किसी भी मिसाइल को मार गिराने में सक्षम होंगी। रूस का यह हथियार अपनी कैटेगरी में दुनिया में सबसे बेहतरीन माना जाता है। रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने एस- 300 और एस- 400s के स्टॉक को लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाने और अत्यधिक सटीक शॉर्ट-रेंज डिफेंस प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की मिसाइलों से लैस करने की योजना को मंजूरी दी है। रूसी सेना के अनुसार, लॉन्च प्लेटफार्मों में इस बदलाव से स्थिति के आधार पर इस्तेमाल की जाने वाली मिसाइलों को तुरंत स्विच करना संभव हो जाएगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम से अपेक्षा की जाती है कि वे घरेलू एयर डिफेंस की क्षमताओं में मौलिक रूप से वृद्धि करें और किसी भी लक्ष्य को नष्ट करने के लिए एक सुरक्षित प्रणाली का निर्माण करें। बता दें कि रूस की एयर डिफेंस फोर्स एस- 300 की कम से कम 125 बटालियन (कुल 1,500 लांचर) और एस- 400 की 55 बटालियन (552 लांचर) से लैस हैं। योजना के अनुसार, एस -300 की चार बड़ी लॉन्च ट्यूबों में से एक या अधिक को चार छोटे 9M96 और 9M96M मिसाइलों के साथ बदला जाएगा। इन मिसाइलों की रेंज 30 से 120 किमी की होगी। ये मिसाइलें 20 से 35 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होंगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस के एस्ट्राखान क्षेत्र में एयरोस्पेस फोर्सेस के 185वें सेंटर फॉर कॉम्बैट ट्रेनिंग के दौरान इसका सफल ट्रायल भी किया गया है।
अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 बॉम्बर : वर्ष 1997 में एक B-2 स्प्रिट बॉम्बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर हैं। यह बॉम्बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।
#Video #B2StealthBomber This is something you don’t see everyday. While in #UtahCounty I looked up and see 3 contrails. Nothing showed up on #Radar or #ADSB. I zoomed in and saw 3 #B2Bombers flying in formation. Very rare to see 3 at about 50,000ft cruising over #Utah pic.twitter.com/CAdPcAdIDF
— SLCScanner (@SLCScanner) February 26, 2021