गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है और इस दिन गणेशजी की पूजापाठ करके उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने-अपने घरों में गणपतिजी को बैठाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं गणेश चतुर्थी की सही तिथि क्या है और पूजा में किन बातों का रखें ध्यान।
गणेश चतुर्थी इस साल 7 सितंबर को धूमधाम से देशभर में मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है और घर-घर में गणपति भगवान की स्थापना की जाती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी की पूजा की जाती है। लेकिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व पौराणिक मान्यताओं में सबसे खास माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन गणेश उत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन गणेशजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है और पूरी धूमधाम से पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी को लोग अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन उसका विसर्जन करते हैं।
गणेश चतुर्थी कब है – गणेश चतुर्थी 6 सितंबर को दोपहर में 3 बजकर 1 मिनट से आरंभ होगी और उसके बाद 7 सितंबर को 5 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन आप भी अपने घर में गणेशजी को बैठा सकते हैं और अनंत चतुर्दशी तक रोजाना धूमधाम से इसकी पूजा करें। मान्यता के अनुसार आप गणेशजी की पूजा 1, 3, 5, 7, 10 और 11 दिन करके अपने बप्पा की विदाई कर सकते हैं। अनंत चतुर्दशी 16 सितंबर को मनाई जाएगी और इस दिन गणेशजी की विदाई कर दी जाएगी।
घर में कर रहे हैं गणपति की पूजा तो इन बातों का रखें ध्यान – अगर आप अपने घर पर गणेशजी बैठाते हैं तो आपको पूजा के कुछ नियमों की पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से हैं ये नियम।
गणेशजी की मूर्ति के सामने रोजाना सुबह शाम दीपक जलाएं और पूजा करें।
गणेशजी जितने दिन आपके घर में रहें उतने दिन उन्हें कम से कम 3 वक्त का भोग लगाना चाहिए।
गणेशजी की स्थापना के बाद बप्पा जितने दिन आपके घर में रहें आपको उतने दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करें और व्रत करें और भगवान को मोदक का भोग जरूर लगाएं।
गणेशजी की मूर्ति सही दिशा देखकर स्थापित करें और रोजाना उस स्थान को गंगाजल से पवित्र करें।
गणेशजी की पूजा में साफ-सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखें।