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सोफे-बेड पर पड़ी इस चीज को किया इग्‍नोर, तो बच्‍चे का दिमाग बन सकता है ‘कबाड़ा’, डिप्रेशन का रहेगा खतरा


अगर आपका बच्‍चा भी बहुत ज्‍यादा टीवी और फोन चलाता है, तो अब आपको उसे रोकना और टोकना शुरू कर देना चाहिए क्‍योंकि इसकी वजह से आपके बच्‍चे के मस्तिष्‍क में कुछ जरूरी विकास बाधित हो सकता है। किशोरावस्‍था में ही बच्‍चे एंग्‍जायटी और डिप्रेशन में आ सकते हैं।
आजकल फोन, टीवी, लैपटॉप और टैबलेट एक नॉर्मल लाइफ जीने में सिरदर्द बन गए हैं। बच्‍चों के लिए तो ये गैजेट्स और भी ज्‍यादा परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनके चक्‍कर में बच्‍चे न तो खाना खाते हैं, न घर से बाहर निकलकर खेलने जाते हैं और न ही पढ़ाई पर फोकस करते हैं। अब एक्‍सपर्ट्स ने भी बच्‍चों के स्‍क्रीन टाइम को लेकर चेतावनी दे डाली है।
रोज कुछ देर तक स्‍क्रीन टाइम रखने से ज्‍यादा नुकसान नहीं होता है लेकिन बार-बार और ज्‍यादा देर तक स्‍क्रीन के आगे बैठे रहने से बच्‍चे के मूड, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और नींद पर असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि खुद एक्‍सपर्ट इस बारे में क्‍या कहते हैं।
न्‍यूरोसाइंटिस्‍ट के द्वारा एक रिसर्च में सामने आया है कि किशोरावस्‍था में बार-बार और देर तक स्‍क्रीन के सामने बैठने से ब्रेन फंक्‍शन में बदलाव हो सकता है। इसमें खासतौर पर अटेंशन, इंपल्‍स कंट्रोल और प्‍लानिंग वाले हिस्‍सों पर असर पड़ता है। जो टीनएज बच्‍चे खासतौर पर डिवाइस की लत की चपेट में हैं, उन्‍हें कॉग्‍नीटिव कंट्रोल सिस्‍टम के साथ संघर्ष करना पड़ता है।
क्‍या होता है असर – इससे बच्‍चों के लिए फोकस करना और अपने बिहेवियर पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि स्‍क्रीन एक्टिविटीज जैसे कि गेमिंग या सोशल मीडिया से समय के साथ मस्तिष्‍क के विकास में बदलाव आता है और ये बच्‍चे की ध्‍यान देने की क्षमता को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं।
मेंटल हेल्‍थ पर असर – Ncbiकी एक रिसर्च के मुताबिक ज्‍यादा स्‍क्रीन टाइम की वजह से एंग्‍जायटी, डिप्रेशन और तनाव बढ़ता है। बार-बार नोटिफिकेशन आना और डिवाइस से कनेक्‍ट रहने के प्रेशर के कारण बच्‍चों में फोमो हो सकता है। इससे बच्‍चा तनाव में बना रहता है।
सब एक-दूसरे से जुड़े हैं – स्‍क्रीन टाइम, मेंटल हेल्‍थ और नींद से संबंधित समस्‍याएं, सब एक साथ चलती हैं और एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। खराब नींद की वजह से एंग्‍जायटी और डिप्रेशन होता है जिससे निपटने के लिए इंसान और ज्‍यादा स्‍क्रीन का इस्‍तेमाल करता है। इससे एक हानिकारक साइकिल बनती चली जाती है जिसे तोड़ना मुश्किल होता है।
बच्‍चों को स्‍क्रीन से कैसे दूर रखें – Mayoclinicके अनुसार बच्‍चों को घर से बाहर निकलकर खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। आप उसे खाना खाते समय फोन न दें। होमवर्क के दौरान मीडिया एंटरटेनमेंट नहीं होना चाहिए और रोज का स्‍क्रीन टाइम सेट करें। बच्‍चे के बेडरूम में टीवी न लगाएं। इसके अलावा आप बच्‍चे से घर के कामों में भी मदद ले सकते हैं। इससे बच्‍चे का ध्‍यान दूसरी चीजों पर लगा रहेगा और उसे स्‍क्रीन के लिए वक्‍त ही नहीं मिल पाएगा।