Tuesday , December 23 2025 7:15 PM
Home / News / US में रहस्यमय बीमारी से आफत, 100 मामले आए सामने 3 की मौत

US में रहस्यमय बीमारी से आफत, 100 मामले आए सामने 3 की मौत


कोरोना वायरस महामारी की सबसे ज्यादा मार झेल रहे अमेरिका में अब नई रहस्यमय बीमारी का कहर शुरू हो गया है। इस बीमारी का शिकार फिलहाल सिर्फ बच्चे ही बन रहे हैं। न्यूयॉर्क में रहस्यमय बीमारी से 3 बच्चों की मौत हो गई है। यहां इस बीमारी के 73 मामले आए हैं और 7 राज्यों में अब तक 100 ऐसे मामले आ चुके हैं। इस बीमारी वाले बच्चों की उम्र 2 से 15 साल है। गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि रहस्यमय बीमारी वाले ज्यादातर बच्चों में सांस संबंधी लक्षण नहीं दिखे हैं। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें भी नहीं दिखाई दिए।
न्यूयॉर्क जीनोम सेंटर और रॉकफेलर यूनिवर्सिटी बीमारी का कारण जानने के लिए रिसर्च कर रहे हैं। अब तक माता-पिता, हेल्थ एक्सपर्ट यह सोचकर राहत महसूस कर रहे थे कि कोरोना से बच्चों की मौतें ज्यादा नहीं हुई हैं। लेकिन अब इस नई बीमारी ने टेंशन बढञा दी है। जिस समय क्यूमो मीडिया को नई बीमारी से मौतों की जानकारी दे रहे थे, उसी समय न्यूयॉर्क में कोरोना से 10 बच्चों की जान जाने की खबर आई। स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है कि इन बच्चों की मौत रहस्यमय बीमारी से तो नहीं हुई।
ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड में भी 50 केस
यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, स्विटजरलैंड और इटली में भी इस रहस्यमय बीमारी के करीब 50 मामले आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ. मारिया वैन केरखोवे ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों में इस बीमारी के लक्षण बचपन में होने वाली बीमारी कावासाकी के लक्षणों जैसी है। जैसे हाथ-पैर में सूजन, शरीर में धब्बे आदि। ऐसे ही लक्षण अमेरिकी में भी देखे गए हैं।

लक्षण

त्वचा, धमनियों में सूजन, लंबे समय तक बुखार और पेट-सीने में दर्द
डॉक्टरों के मुताबिक इस रहस्यमय बीमारी में त्वचा और धमनियां सूज जाती हैं।
आंखों में जलन होती है।
शरीर पर धब्बे बनते हैं।
त्वचा का रंग बदलने लगता है।
लंबे समय तक बुखार, पेट-सीने में गंभीर दर्द होता है।
लो ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है।
PunjabKesari

इलाज
स्टेरॉयड, एस्पिरिन की खुराक दे रहे, वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ रही है। डॉक्टर फिलहाल मरीजों को स्टेरॉयड, इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन और एस्पिरिन दवाएं दे रहे हैं। एंटीबायोटिक्स भी दी जा रही हैं। कुछ मरीजों को सपोर्टिव ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही है। ज्यादा गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रख रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों पर इस रहस्यमय बीमारी का असर इसलिए ज्यादा हो सकता है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। अब डॉक्टर जैनेटिक टेस्ट पर जोर दे रहे हैं। इससे नए खुलासे होंगे।