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चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद आई व्यापक आर्थिक मंदी के कारण अपनी ही पार्टी पर पकड़ खोते दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को भारत के साथ लगी सीमा पर हुई हिंसक झड़प भी चिनफिंग को एक मजबूत नेता के रूप में प्रदर्शित करने की योजना का हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। चिनफिंग को एक निर्णायक नेता और चीन को एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर राज्य नियंत्रित मीडिया प्रसारित करती है जबकि सच्चाई इसके एकदम विपरीत है। बता दें कि सोमवार को एलएसी पर हुए संघर्ष में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए जबकि चीन के तरफ भी भारी क्षति पहुंचने की खबर है।
चीन मामलों के विशेषज्ञ और China Neican मीडिया आउटलेट के सह संस्थापक एडम नी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने शी जिनपिंग की चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के ऊपर पकड़ की सच्चाई को खोलकर रख दिया है। चीन के आक्रामक व्यवहार का विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि चीन को कुछ लोग दुर्भावनापूर्ण तरीके से अखंड देश के रूप में प्रचारित कर रहे हैं।
टुकड़ों में बटा हुआ है चीन
उन्होंने कहा कि चीन की सत्ताधारी पार्टी दुर्भावना से पूरी तरह ग्रस्त है और इसके नेता विश्व में दबदबा कायम करने का सपना देख रहे हैं। जबकि, वास्तविकता यह है कि चीन टुकड़ों में बंटा हुआ है। कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता आपस में ही विरोधाभासी हैं। वे बस कठिन समय में एक दूसरे को जबरदस्ती पकड़े हुए हैं।
देश के छवि को बनाने में जुटे चीनी नेता
सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक में चाइनीज इकोनॉमिक्स और बिजनेस के एक्सपर्ट स्कॉर्ट कैनेडी ने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस के कारण देश की छवि को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सभी नेताओं को सक्रिय होने का आदेश दिया है। जिसके कारण चीनी नेता इन दिनों बड़ी संख्या में सोशल मीडिया में चीन के हितों की रक्षा करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने जिस विकास दर की बात की है वह कई मामलों में विश्वास न करने योग्य है।
कोरोना से चीन को अरबों का नुकसान
स्कॉर्ट कैनेडी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण चीन को 60 मिलियन डॉलर से लेकर 100 मिलियन डॉलर के बीच में नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के अनुसार, 2020 के लिए चीन का विकास दर केवल 1.2 फीसदी ही होगा। चीनी कम्यूनिस्ट पॉर्टी ने जो लक्ष्य निर्धारित किया है वह सही नहीं है।
चीन में बेरोजगारी की दर बढ़ी
ग्लोबल ताइवान इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो जे माइकल कोल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण चीन में बेरोजगारी की स्थिति गंभीर हो गई है। चीन में बेरोजगारी की मौजूदा दर 15 फीसदी से ज्यादा है, जबकि कम्यूनिस्ट पार्टी ने इसे 5.5 फीसदी ही बताया है उन्होंने कहा कि चीनी पार्टी के लोगों को सही आंकडों को छिपाने में महारत हासिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के 3000 नेताओं का कुल नेटवर्थ 470 बिलियन यूएस डॉलर से कहीं अधिक है। ये लोग स्वार्थी, लालची और अपने लाभ से मतलब रखने वाले हैं।
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