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Britain के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के भाई का इस्तीफा, अडानी ग्रुप की कंपनी छोड़ी, जानें क्या है वजह


ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के छोटे भाई ने अडानी एंटरप्राइजेज से संबंधित कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है. लॉर्ड जो जॉनसन (Lord Jo Johnson) ने अडानी इंटरप्राइजेज के रद्द एफपीओ से संबंधित फर्म के गैर कार्यकारी निदेशक का पद छोड़ दिया है.
उन्हें पिछले साल जून में इलारा कैपिटल पीएलसी (Elara Capital Plc) का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. उन्होंने बुधवार (1 फरवरी) को करीब आठ महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इलारा (Elara) भारतीय कॉरपोरेट ग्रुप के लिए फंड जुटाने वाली कैपिटल मार्केट कारोबार (Capital Market Business) वाली कंपनी है.
बोरिस जॉनसन के भाई ने अडानी की कंपनी छोड़ी – ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ अखबार ने यूके कंपनीज हाउस के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए खुलासा किया कि 51 वर्षीय लॉर्ड जॉनसन को पिछले साल जून में लंदन स्थित एलारा कैपिटल पीएलसी के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था और बुधवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसी दिन अडानी ग्रुप ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला लिया. इलारा कैपिटल मार्केट व्यवसाय वाली कंपनी है. ये भारतीय कॉरपोरेट्स के लिए धन जुटाती है.
बोरिस जॉनसन के भाई ने क्या कहा? – जॉनसन ने जोर देकर कहा कि डोमेन विशेषज्ञता की अपनी कमी की वजह से पद छोड़ दिया है. लॉर्ड जॉनसन ने बताया, “मैं ब्रिटेन-भारत व्यापार और निवेश संबंधों में योगदान करने की उम्मीद में पिछले जून में नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में लंदन स्थित एक निवेश फर्म एलारा कैपिटल के बोर्ड में शामिल हुआ, जिसका मैंने लंबे समय से समर्थन किया है. मुझे इलारा कैपिटल से लगातार आश्वासन मिला है कि यह अपने कानूनी दायित्वों के अनुरूप है और नियामक निकायों के साथ अच्छी स्थिति में है”.
कंपनी से इस्तीफे की क्या है वजह? – लॉर्ड जो जॉनसन (Lord Jo Johnson) ने आगे कहा, ”अब मैं मानता हूं कि यह एक ऐसी भूमिका है जिसके लिए वित्तीय विनियमन के विशेष क्षेत्रों में अधिक विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है. मैंने इस बारे में अनुमान लगाने के बाद कंपनी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है.” अखबार के मुताबिक, यह इलारा का एसेट मैनेजमेंट बिजनेस है, जो अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च से जुड़े मॉरीशस-आधारित फंड्स के बाद सुर्खियों में है. इसे लंदन की फर्म की ओर से अडानी ग्रुप की कंपनियों के साथ चलाया जाता है. अडानी ग्रुप (Adani Group) ने साफ तौर से हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया है और इसे निराधार बताया है.

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