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कप्तानी नहीं मिली, टीम के माहौल से भी नाखुश… विराट कोहली ने यूं ही नहीं लिया संन्यास का फैसला


विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने से कई लोग हैरान थे। अब उनकी संन्यास लेने की वजहें सामने आ रही है। विराट रोहित शर्मा की जगह टीम की कप्तानी करना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई ने मना कर दिया। इसके साथ ही उन्हें माहौल भी पसंद नहीं आ रहा था।
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर सबको चौंका दिया। सोमवार को उन्होंने यह फैसला लिया। कई लोग हैरान थे, लेकिन कुछ लोगों को पहले से ही इसकी जानकारी थी। एक नए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत होने वाली थी। विराट जानते थे कि अगर टीम को बेहतर करना है तो कुछ बदलाव करने होंगे। खबरों के अनुसार विराट कप्तानी में वापसी करके टीम को आगे ले जाना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई की कुछ और ही योजना थी।
टीम के महौल में काफी अंतर – क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विराट को बताया गया था कि कप्तानी किसी युवा खिलाड़ी को दी जाएगी। इसलिए उन्होंने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया। वह खुद को बेहतर बनाने के लिए नए अवसर चाहते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें मौजूदा मैनेजमेंट से वह आजादी, माहौल और सकारात्मकता नहीं मिल रही थी जो उन्हें चाहिए थी। पहले की टीम के माहौल और अब के माहौल में काफी अंतर था।
विराट ने रवि शास्त्री से बात की – विराट कोहली पिछले तीन सालों से अच्छी फॉर्म में नहीं थे। उनका औसत सिर्फ 32 का था। 36 साल के विराट अब एक नई चुनौती चाहते थे। इसके बिना उनके लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना मुश्किल हो रहा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विराट ने संन्यास लेने से पहले रवि शास्त्री से बात की थी। रवि शास्त्री पहले भारतीय टीम के कोच थे और विराट के अच्छे दोस्त हैं। विराट ने बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह से भी बात की थी। लेकिन यह नहीं पता कि उनकी बात कितनी आगे बढ़ पाई। विराट और राजीव शुक्ला के बीच एक मीटिंग होने वाली थी। लेकिन भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक हालातों के कारण यह मीटिंग नहीं हो पाई।
दो बार अगरकर से फोन पर चर्चा – विराट ने सीनियर टीम के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर से फोन पर कम से कम दो बार बात की थी। लेकिन इन बातों से भी विराट का फैसला नहीं बदला। अगर बीसीसीआई इंग्लैंड सीरीज के बाद बदलाव करता, तो विराट और रोहित दोनों को 5 मैचों की सीरीज के बाद विदाई लेनी पड़ती। लेकिन बोर्ड नए टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत एक निश्चित योजना के साथ करना चाहता था। इसलिए यह फैसला लेना जरूरी था।