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चीन के खिलाफ श्रीलंका को साधने में जुटा अमेरिका तो भड़का ड्रैगन, कहा- धमका रहे हैं पोम्पियो


अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे। अमेरिका क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश में हैं। साथ में वह स्वतंत्र और खुले हिंद- प्रशांत के साझे लक्ष्य को आगे बढ़ाना चाहता है। दो हफ्ते पहले ही चीन के हाई लेवल प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका का दौरा किया था। अब चीनी दूतावास ने आरोप लगाया है कि अमेरिका श्रीलंका को धमका रहा है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने दिया था निमंत्रण : पोम्पिओ सोमवार को रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ भारत के अपने समकक्षों के साथ अमेरिका-भारत के टू प्लस टू संवाद के लिए नयी दिल्ली पहुंचे थे। भारत की अपनी यात्रा के बाद पोम्पिओ मंगलवार को श्रीलंका की यात्रा पर आएंगे। उनकी यह यात्रा श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुनवरडेना के निमंत्रण पर हो रही है।
ट्रंप के कार्यकाल में श्रीलंका जाने वाले सबसे बड़े अमेरिकी नेता : अमेरिकी विदेश मंत्री श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे जिसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी क्षेत्रों के कई मुद्दे शामिल होंगे। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान श्रीलंका का दौरा करने वाले उच्चतम स्तर के अमेरिकी अधिकारी हैं। कैबिनेट प्रवक्ता और मंत्री केहेलिया रामबुकवेल्ला ने बताया कि अमेरिकी राजनयिक 28 अक्टूबर को कोलंबो में वार्ता करेंगे।
श्रीलंका को अपने खेमे में करना चाहता है अमेरिका : अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि पोम्पिओ कोलंबो की यात्रा करेंगे और उनकी इस यात्रा का मकसद मजबूत और संप्रभु श्रीलंका के साथ साझेदारी की अमेरिकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करना और स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझे लक्ष्य को आगे बढ़ाना है। चीनी सेना रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी ताकत दिखा रही है। वह दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर में भी क्षेत्रीय विवादों में शामिल है।
दो सप्ताह पहले ही पहुंचा था चीनी प्रतिनिधिमंडल : पोम्पिओ की यात्रा से करीब दो हफ्ते पहले चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जीईची की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका की यात्रा की थी। पोम्पिओ की कोलंबो की यात्रा से एक दिन पहले यहां स्थित चीनी दूतावास ने आरोप लगाया था कि अमेरिका, चीन और श्रीलंका के बीच के रिश्तों में दखल दे रहा है।
चीन ने लगाया श्रीलंका पर दबाव डालने का आरोप : चीनी दूतावास ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि हम अमेरिका द्वारा चीन-श्रीलंका संबंधों में हस्तक्षेप करने और श्रीलंका पर दबाव डालने तथा धमकाने के लिए विदेश मंत्री की यात्रा का अवसर के रुप में इस्तेमाल करने का दृढ़ता से विरोध कर रहे हैं। दूतावास ने कहा कि रिश्तों को संभालने के लिए चीन और श्रीलंका के पास पर्याप्त समझ है और किसी तीसरे पक्ष से निर्देश लेने की जरूरत नहीं है।