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हमें आप पर गर्व है, आप बस हमसे जुड़े रहिए: सुश्री नीता भूषण

 

भारतीय उच्चायुक्त की Indianz X-press के संपादक आलोक गुप्ता से बातचीत के मुख्य अंश :-

 

न्यूजीलैंड में रह रहे हम भारतीय भाग्यशाली हैं कि गत कुछ वर्षों में हमें बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ, प्रभावशाली, संवेदनशील एवं मिलनसार भारतीय उच्चायुक्त मिल रहे हैं| इसी कड़ी में नवीनतम, कुछ माह पूर्व ही न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के पद पर कार्यभार संभाला है सुश्री नीता भूषण जी ने|
नीता जी की जो सबसे प्रभावशाली बात है, वह यह कि उनसे संवाद में लगता ही नहीं कि वह किसी बहुत बड़े पद पर पदस्थ राजनयिक हैं| आत्मीयता, संजीदगी और सच्चाई से अपनी बात को अभिव्यक्त करना, संभवत: नीता जी के व्यक्तित्व को इतना प्रभावी बनाता है |
तो आइए, न्यूजीलैंड में भारत की प्रथम नागरिक, भारत की उच्चायुक्त सुश्री नीता भूषण जी से जानते हैं कि उनका न्यूजीलैंड में अब तक का अनुभव कैसा रहा, उनके कार्यकाल का न्यूजीलैंड में मुख्य उद्देश्य क्या होगा, और भारतीय समुदाय को लेकर उनकी क्या अपेक्षाएं होंगी –

प्रश्न – भारतीय उच्चायुक्त के रूप में पदभार ग्रहण करने उपरांत, आपके न्यूजीलैंड में प्राथमिक अनुभव कैसे रहे एवं आपकी अपने कार्यकाल के दौरान क्या प्राथमिकताएं होंगी।
उत्तर – सर्वप्रथम मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे न्यूजीलैंड में भारत का भारतीय उच्चायुक्त के रूप में प्रतिनिधित्व करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ| मेरे लिए यह बहुत ही गौरव की बात है| मेरा प्राथमिक आंकलन है कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही सौहार्दपूर्ण और निकट के हैं| जिससे कि हमारा काम बहुत आसान हो जाता है|
जहां तक मेरी प्राथमिकताओं का प्रश्न है, तो उसमें सर्वोच्च स्थान पर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ , प्रमाणिक और लाभप्रद बनाना है | आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस वर्ष के प्रारंभिक 3 महीनों में ही 7 से 8 व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भारत से न्यूजीलैंड आए, और लगभग इतने ही न्यूजीलैंड से भारत गए हैं | इसी तरह आगामी दो से तीन महीनों में 5 से 6 ऐसे ही प्रतिनिधि मंडलों का आपस में मिल बैठकर व्यापारिक संभावनाओं को और बढ़ावा देने की योजना है |

तो मेरा ऐसा मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत के न्यूजीलैंड से व्यावसायिक संबंध एक नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे |

प्रश्न – व्यावसायिक संबंधों के अलावा और क्या महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं ?
उत्तर – हमारा प्रयास है कि भारत की सांस्कृतिक विरासत का न्यूजीलैंड में खूब प्रचार-प्रसार हो ताकि इससे भारत के बारे में लोगों का सकारात्मक दृष्टिकोण और भारत के प्रति उनकी रूचि बड़े जो कि निश्चित रूप से ना केवल पर्यटन के क्षेत्र में लाभकारी होगी वर्णन भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी लोगों को समझने का, जानने का अवसर मिलेगा| जिसकी लिए आप देखेंगे कि हम लगभग हर सप्ताह भारतीय उच्चायोग के नव निर्मित भवन में कोई न कोई आयोजन निरंतर करते रहते हैं | जिसके की बहुत ही सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं | इसके अलावा हम ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, डुनेडिन और न्यूजीलैंड के अन्य शहरों में भी इसी तरह के आयोजन करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं |

प्रश्न – न्यूजीलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के बारे में आपका प्राथमिक आंकलन क्या है?
उत्तर – आंकड़ों के अनुसार न्यूजीलैंड में रह रहे भारतीयों की जनसंख्या कुल आबादी का लगभग 5% है, लेकिन जिस सकारात्मक तरीके से भारतीय विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कार्यकुशलता से जो छाप छोड़ रहे हैं, वह बहुत ही सराहनीय है| प्रत्येक भारतीय अपने व्यवहार, वेशभूषा, रहन-सहन, खान पान, संगीत और अपनी संस्कृति से स्थानीय लोगों में भारत के प्रति जो रुचि पैदा कर रहे हैं वह भी अपने आप में बहुत बढ़ा योगदान है |

प्रश्न – भारत-न्यूजीलैंड सरकारों के बीच तालमेल पर आप क्या टिप्पणी करना चाहेंगी ?
उत्तर – न्यूजीलैंड भारत के लिए एक परस्पर मैत्री के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण देश है| जिसका महत्व दोनों देशों की सरकारें भली-भांति समझती हैं| इसी के चलते आप देखें की हाल ही में भारत के विदेश मंत्री न्यूजीलैंड की यात्रा पर आए थे, उसी तरह न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री ने भी हाल ही में भारत की यात्रा की थी| साथ ही पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्रियों की भी आपस में कई बार मुलाकात हुई और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ| इसी तरह आगे भी हमारा यह निरंतर प्रयास है कि दोनों देशों के बीच इन बेहद मित्रता पूर्ण संबंधों को और मजबूत किया जाए|


प्रश्न – गत 5 से 7 वर्षों में यह देखने में आया है कि, भारतीय उच्चायुक्त ने अपनी सेवा पद्धति में सुधार तथा आम-जन से निकटता, संपर्क और संवाद में बने रहने का सफल प्रयास किया है|आप इस परिवर्तन की प्रमुख वजह क्या मानती हैं ?
उत्तर- मैं व्यक्तिगत रूप से तो यह कह सकती हूं कि जब से मैं एक राजनयिक के तौर पर विदेश सेवा में आई हूं तब से मैंने, तन-मन-धन से अपना जीवन इसमें समर्पित किया है, और हर समय हर परिस्थिति में अपना शत-प्रतिशत देने को तत्पर रहती हूं| लेकिन इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि जब से हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कार्यभार संभाला है और अब जबसे जयशंकर जी विदेश मंत्रालय के प्रमुख हैं तब से राजनयिकों और उच्चायुक्त की कार्यप्रणाली में नए उत्साह का संचार हुआ है| हमें निरंतर प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मार्गदर्शन मिलता रहता है| जिससे कि निश्चित तौर पर हमें अपना कार्य और अधिक प्रभावी ढंग से करने की ऊर्जा मिलती है| हमारे विदेश मंत्री श्री जयशंकर जी जोकि स्वयं 4 दशकाें तक भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत थे, तो उनके अनुभवों से भी हम सबको बहुत सीखने को मिलता है |

प्रश्न – विभिन्न समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि मोदी जी ने दुनिया भर के उच्चायुक्तों को यह निर्देश दिया है कि वह भारत के लिए व्यापार, पर्यटन और तकनीक के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा अवसरों को सुनिश्चित करने का प्रयास करें ? आपका इस पर क्या कहना हैं ?
उत्तर – यह बात बिल्कुल ठीक है कि हम सबका व्यापार, पर्यटन और तकनीक के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पारस्परिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने प्रयास रहा है| अब जैसे कि आप देखें कि न्यूजीलैंड एग्रीकल्चर (कृषी) के क्षेत्र में तकनीकी तौर पर काफी विकसित है, जिसका कि भारत निश्चित तौर पर बहुत लाभ ले सकता है, उदाहरण के लिए जैसे ‘एनिमल टैगिंग’ तकनीक का| तो हमारा हर संभव प्रयास है कि इसी तरह भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भारत और न्यूजीलैंड, निकट आएं और पारस्परिक तौर पर इससे और अधिक लाभान्वित हों|

 

प्रश्न – आपको ज्ञात होगा गत कई चुनावों से और इस वर्ष भी होने वाले आम चुनावों में बहुत सारे भारतीय सांसद बनने हेतु प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार हैं ? एक उच्चायुक्त के तौर पर आपके लिए यह क्या मायने रखता है?
उत्तर – मैं एक भारतीय नागरिक और उच्चायुक्त के रूप में निश्चित तौर पर यह कह सकती हूँ कि हमारा कोई भी देशवासी विदेशी धरती पर कुछ भी उपलब्धि हासिल करता है तो यह हम सब भारतीयों के लिए बहुत गौरव की बात होती है| विदेशी धरती पर किसी भी भारतीय की कोई भी उपलब्धि भारत देश में समाचार माध्यमों से बहुत लोकप्रियता पाती है और विशेष आकर्षण का केंद्र होती है| अतः मैं यह कह सकती हूं कि सिर्फ राजनयिक दृष्टिकोण से ही नहीं, आम नागरिक के दृष्टिकोण से भी किसी भारतीय का विदेशी धरती पर सांसद या मंत्री बनना बहुत बड़ी उपलब्धि है |

प्रश्न – वेलिंगटन स्थित भारतीय उच्चायोग का यह नवनिर्मित भवन, लोगों में बहुत आकर्षण का केंद्र है, आपका इसको लेकर, इसकी उपयोगिता को लेकर क्या कहना है ?
उत्तर- न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन के बीच शहर में इतना भव्य और विशाल भारतीय उच्चायुक्त का यह भवन, भारत और न्यूजीलैंड के बीच महत्वपूर्ण संबंधों का प्रतीक है| और मैं खासतौर पर इसलिए भी बहुत इसकी भव्यता को लेकर भावुक हूं, क्योंकि मेरा मानना है यह एक तरह से भारतीयों का ‘होम अवे फ्रॉम होम है’ (घर से दूर अपना घर है), इसलिए मुझे यह सुनकर बहुत खुशी होती है, जब भी कोई हमसे यह आकर कहता है कि, “जब भी हम इस भवन में प्रवेश करते हैं तो, हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है”|

साथ ही मैं इसमें यह भी जोड़ना चाहूंगी कि, हम इस भवन का उपयोग, महीने में कम से कम 4 से 5 ऐसे आयोजनों के लिए करते हैं जिसके माध्यम से सभी पृष्ठभूमि के लोग भारतीय संस्कृति, धर्म, कला, संगीत, योग और अध्यात्म की विरासत का लाभ ले सके| हम यह सब आयोजन बिल्कुल निशुल्क और सबके लिए करते हैं |
अतः आपके समाचार पत्र के माध्यम से है हमारा सब से अनुरोध है कि, भारतीय उच्चायुक्त के फेसबुक पेज और वेबसाइट के माध्यम से आप हमसे जुड़ें और इन कार्यक्रमों का लाभ लें |

प्रश्न- आप भारतीय समुदाय को क्या संदेश देना चाहेंगी ?
उत्तर – मेरा अपने भारतियों को यह संदेश है कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, हमें आप पर गर्व है| हमारा आपसे यह आग्रह है कि, बस आप हम से जुड़े रहिए| हमें यह खासा आभास है कि हम सब कभी ना कभी अपनी भारत माता को न सिर्फ याद ही करते हैं बल्कि उसे मिस भी करते हैं| हम आपसे सिर्फ इतना चाहते हैं कि आप सब अपने अपने स्तर पर अपने देश का नाम और उसका काम लोगों तक पहुंचाएं|

आपके समाचार पत्र के माध्यम से मैं यह भी संदेश सबको देना चाहूंगी की हमने आप सबसे जुड़ने के लिए एक और पहल की है जोकि ‘हाई कमीशन एट योर डोर स्टेप्स- हाई कमीशन आपके द्वार पर’, जिसका तात्पर्य है कि भारतीय हाई कमीशन एक ‘मीट एंड ग्रीट प्रोग्राम’ के तहत, न्यूजीलैंड के विभिन्न शहरों में आपसे मिलने- रूबरू होने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि आप अपनी सुविधा से अपने ही शहर में आकर हमसे मिल सकें ||