अमेरिका ने मंगलवार (30 मई) को जानकारी दी कि एक चीनी (China) लड़ाकू जेट विमान ने साउथ चाइना सी के ऊपर इंटरनेशनल एयर स्पेस में उड़ान भरते हुए अमेरिकी सेना के प्लेन को आक्रामक रूख दिखाने की कोशिश की. अमेरिका के सैन्य कमांडर ने कहा कि चीनी का J-16 प्लेन ने पिछले हफ्ते अमेरिकी विमान के सामने कलाबाजी दिखाई, जिसकी वजह से US RC-135 प्लेन को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ गया.
चीन के फाइटर जेट और अमेरिकी प्लेन की घटना से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे चीनी फाइटर प्लेन अमेरिकी प्लेन की नाक से गुजरते हुए जाता है. इसकी वजह से US RC-135 प्लेन बुरी तरह से हिल जाता है. हालांकि, इस मामले पर अब तक अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है.
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना – अमेरिका ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा कि इंटरनेशनल लॉ जहां कहीं भी उड़ान की अनुमति देगा, हम वहां सुरक्षित और जिम्मेदारी से उड़ान भरेंगे और अपनी तरफ से संचालन जारी रखेंगे. इस पर चीन ने पहले एक बार बयान जारी करते हुए कहा था कि अमेरिका अपने प्लेन को साउथ चाइना सी के ऊपर उड़ान भरने के लिए न भेंजे, क्योंकि ये आपसी शांति के लिए अच्छा नहीं होगा.
हालांकि, ऐसे टकराव कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं. इससे पहले चीन का आर्मी प्लेन अमेरिकी प्लेन के 10 फीट नजदीक आ गया था, जिसके बाद टकराव से बचने के लिए प्लेन को कलाबाजी करते हुए सुरक्षित निकलना पड़ा था. अमेरिका ने चीन के इस कदम को खतरनाक करार दिया.
अमेरिका से बातचीत करने से चीन का इनकार – चीन के तरफ से की गई ये हालिया घटना इस हफ्ते सिंगापुर में होने वाले शांगरी-ला डायलॉग एशियाई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के पहले हुई है. इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने चीन के अधिकारियों से मिलने का अनुरोध किया था, जिसे चीन ने ठुकरा दिया था.
नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि 2021 के बाद से चीन ने पेंटागन के साथ बात करने के एक दर्जन से अधिक अनुरोधों का जवाब नहीं दिया या अस्वीकार कर दिया. साउथ चाइना सी पर चीनी आक्रामकता को देखते ही क्वाड समूह का गठन किया गया है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल है.
#USINDOPACOM Statement on #PRC Unprofessional Intercept: "We expect all countries in the Indo-Pacific region to use international airspace safely and in accordance with international law."
— U.S. Indo-Pacific Command (@INDOPACOM) May 30, 2023
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