Friday , March 29 2024 4:44 AM
Home / News / कश्मीर पर शरीफ के बयान हैं खयाली पुलाव : पाक दैनिक

कश्मीर पर शरीफ के बयान हैं खयाली पुलाव : पाक दैनिक

nawaj-ll
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में कश्मीर को शामिल करने के बारे में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बयान को ‘खयाली पुलाव’ करार देते हुए पाकिस्तान के एक जाने माने दैनिक ने कहा कि एेसे बयानों से देश एवं कश्मीरी लोगों के लिए और मुश्किलें खड़ी होंगी। डेली टाईम्स ने अपने संपादकीय में कहा, ‘‘वोट पाने के खातिर अवास्तविक दावे करना और लोकप्रिय जुमलों को दोहराना नेताओं के लिए परिपाटी बन गई है।

पाकिस्तान में कश्मीर के विलय की बात करना आसान है लेकिन कोई नहीं जानता कि यह कैसे होगा। ’’यह अखबार शरीफ के हाल के इस बयान का जिक्र कर रहा था कि पाकिस्तान उस दिन की बाट जोह रहा है जब कश्मीर उसका हिस्सा बनेगा। प्रधानमंत्री के बयान को ‘राग अलापने’ जैसा करार देते हुए इस अखबार ने कहा कि नेता बस लोगों का समर्थन पाने के लिए एेसे बयान देते हें और लोग एेसी मानसिकता के खातिर झेलते रहते हैं।

उसने कहा, ‘‘कश्मीर पर पाकिस्तान का आधिकारिक रुख यह है कि यह वह कश्मीरियों के आजादी के संघर्ष का पूरा नैतिक समर्थन करता है और हर मंच पर उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के पक्ष में अपनी आवाज उठाता रहेगा। यह रुख सराहनीय है लेकिन बिना किसी नीति के कश्मीर के विलय के बारे में बयान देना अनुपयुक्त जान पड़ता है।’’

डेली टाईम्स के अनुसार एेसे बयान देेकर वाकई, प्रधानमंत्री शरीफ भारत के प्राधिकार को चुनौती दे रहे हैं तथा न केवल पाकिस्तान बल्कि कश्मीरियों के लिए भी और मुसीबतोंं को न्यौता दे रहे हैं। संपादकीय कहता है कि कश्मीर पर विवाद वार्ता या युद्ध के मार्फत हल किया जा सकता है। उसने कहा, ‘‘सात दशक पुराने इस विवाद का कोई अन्य हल नहीं है।’’

अखबार ने सवाल किया कि जब पाकिस्तान खुद ही कई चुनौतियों से जूझ रहा है जो उसके अपने स्थायित्व के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, तो एेसे में वह कश्मीरियों को क्या दे सकता है? और जमीन पर कब्जा करने की चर्चा करने के बजाय पाकिस्तान सरकार को कश्मीर के अपने नियंत्रण वाले हिस्से को आदर्श राज्य बनाने की जरूरत है जहां कश्मीरी खुशी खुशी रहने की इच्छा करें।

उसने कहा कि पिछले 67 वर्षो से पाकिस्तान अपने हिस्से वाले कश्मीर में सुशासन सुनिश्चित करने में विफल रहा। इतना ही नहीं, देश के कई क्षेत्र अब भी उपेक्षा का सामना कर रहे हैं जहां लोगों को जीवन की मूलभूत जरूरतों तक पहुंच नहीं है। ‘राजनीतिक हल’ का आह्वान करते हुए उसने पाकिस्तान और भारत की सरकारों से द्विपक्षीय मुद्दों का सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से हल करने की अपील की और कहा ,‘‘उन्हें व्यापक राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक हित के लिए समझौता करना चाहिए।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *