मां लक्ष्मी धन-वैभव व ऐश्वर्य की देवी हैं। उनका पूजन करने से कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। व्यापारिक क्षेत्रों में दिन दुगुणी रात चौगुणी तरक्की करने में देवी लक्ष्मी कि पूजा विश्लेष लाभकारी है। जो लोग दौलतमंद बनना चाहते हैं वे इस तरह से करें पूजन-
प्रदोषकाल के समय स्नान कर घर की पश्चिम दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर केसर मिले चन्दन से अष्टदल बनाकर उस पर चावल रख जल कलश रखें। कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें। माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें। कमल के फूल से पूजन करें। इसके अलावा सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई, फल भी रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, अक्षत और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें तत्पश्चात धूप और घी के दीप से पूजा कर नैवेद्य या भोग लगाएं। इस मंत्र का जाप करें।
यत्कटाक्षसमुपासनाविधिः सेवकस्य सकलार्थसम्पदः। सन्तनोति वचनाङ्गमानसैः त्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे॥
मंत्र कर अर्थ: हे महादेवी लक्ष्मी जो भक्त आपके नयन कटाक्षों की विधिवत पूजा करता है उसे धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु के हृदय में निवास करने वाली हे लक्ष्मी मैं अपने शब्दों व कर्मों सहित आपको दंडवत प्रणाम करता हूं। कनकधारा स्तोत्र का यह मंत्र परमपूज्य शंकराचार्य की कृति है।
महालक्ष्मी जी की आरती करें।