नेपाल/फ्रांसः नए साल के पहले दिन आपको एक ऐसे इंसान से मिलवाने जा रहे हैं, जो दुनिया का इकलौता सबसे खुशहाल इंसान है । ये इंसान आखिरी बार 1991 में दुखी हुआ था। उसकी खुशी से हैरान होकर अमरीकन यूनिवर्सिटी ने खुशी का कारण जानने के लिए 12 साल तक रिसर्च किया वो भी दिमाग में 256 सेंसर लगाकर और इन सभी के चलते जिसे खुद यूनाइटेड नेशन (UN) ने अपनी हैप्पीनेस रिपोर्ट 2016 में धरती का सबसे खुशहाल इंसान माना है। इस व्यक्ति ने 45 साल में खुशी को अपनी आदत बना लिया हो।
बातचीत में साइंटिस्ट मैथ्यू ने बताया, ‘वह फ्रांस में पैदा हुआ। 1971-72 से लेकर अब तक वह लगातार खुशी को अपनी आदत बनाने में लगा है। इन 45 सालों में उसने खुद पर अलग-अलग रिसर्च कर खुश रहने के साइंटिफिक से लेकर अलग-अलग तरह के तरीके डिवैलप कर लिए हैं। यही उसकी लाइफ की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी है।’
1.मैथ्यू ने खुश रहने के 5 मंत्र बताए जिन्हें अपना कर आप भी हमेशा खुश रह सकते हैं । सुबह उठने से सोने तक हर घंटे किसी भी समय खड़े होकर पहले हाथ ऊपर करें।10 सैकेंड के लिए बॉडी को स्ट्रेच करते हुए अपने किसी सोशल अचीवमेंट के बारे में सोचें। हाथ ऊपर पर बॉडी को स्ट्रेच करने से हमारी मांसपेशियां रिलैक्स मोड में चली जाती हैं। दिमाग इसे रीड करके फीलिंग्स से जुड़े केमिकल्स को को नॉर्मल कंडीशन में ले आता है। ऐसे में सोशल अचीवमेंट के बारे में सोचने पर खुशी-प्राइड केमिकल्स एक्टिव हो जाते हैं।
2. वर्किंग प्लेस या घर में अपने सबसे चहेते की मुस्कुराती तस्वीर जरूर लगाएं। जब आप टेंशन फील करें या एनर्जी लेवल लो लगे तो इस तस्वीर को 1 मिनट तक लगातार देखें। इस दौरान दिमाग में और कुछ ना चले। सिर्फ तस्वीर पर फोकस हो। तस्वीर न हो तो रोड पर चलती गाड़ियों या खिड़की के बाहर गार्डन की घास को भी देख सकते हैं। लगातार 1 मिनट तक देखने पर दिमाग फ्लैश बैक में चला जाता है। रिसर्च के मुताबिक, इससे दिमाग में उस डियर वन से जुड़ी पॉजिटिव याद रिकॉल होती है। 1 मिनट तक देखने से ये यादें स्ट्रेस रिलीज करके खुशी केमिकल को ब्रेन में फैला देता है। एक स्वस्थ इंसान के दिमाग में सबसे पहले एक्टिव होने वाला केमिकल हैप्पीनेस का ही होता है।
3. डिप्रेशन फील होने या जब अनुमान के मुताबिक परिणाम न मिलने पर चॉकलेट या अखरोट खाएं इनमें polyphenols केमिकल होता है जो बॉडी में जाकर दिमाग के हैप्पीनेस पार्ट को एक्टिव करने का काम करते है। डार्क चॉकलेट खाने पर इसका असर और बढ़ जाता है।
4. हर घंटे या जब नर्वस फील करें हंसी न भी आए तो मुंह खोलकर हंसे। जब मुंह खोलते हैं तो दिमाग के आगे की तरफ वाली हैप्पीनेस नसों पर जोर पड़ता है। इससे इनमें खिंचाव आता है। और एक्चुअल साइज से ज्यादा फैल कर केमिकल्स स्प्रेड करती हैं। जो कुछ देर के लिए हैप्पीनेस लेवल बढ़ाता है। सुबह उठते ही पीले रंग की किसी आकृति को 1 से 2 मिनट तक आंखें बड़ी करके लगातार देखें। फिर आंख को 30 सैकेंड बंद करके दोबारा खोलें। अब आप रूटीन वर्क स्टार्ट सकते हैं। संभव हो तो ऐसा सुबह के उगते सूरज की तरफ देखकर करें।
5. न्यूरो साइंस में पीला रंग खुशी और उम्मीद को रिफ्लेक्ट करता है। ऐसे में सोकर उठते ही इंसान के दिमाग में मौजूद हैप्पीनेस का केमिकल एक्टिव हो जाएगा। अगले कुछ घंटे दिमाग खुश रहेगा। इसी साइंटिफिक कारण के चलते स्माइली के इमोजी का कलर पीला रखा गया है। बता दें, इंसान के दिमाग में हैप्पीनेस के 4 केमिकल होते हैं। इनका शॉर्ट फॉर्म DOSE है ।