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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फहराएगा तिरंगा, भारतीयों के लिए गर्व का दिन


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को लगाया जाएगा। भारत संयुक्त राष्ट्र के इस शक्तिशाली निकाय में दो वर्षों के लिए अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू कर रहा है। पांच नये अस्थायी सदस्य देशों के झंडे चार जनवरी को एक विशेष समारोह के दौरान लगाए जाएंगे। 2021 में चार जनवरी आधिकारिक रूप से पहला कार्य दिवस होगा।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि देंगे भाषण : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति तिरंगा लगाएंगे और उम्मीद है कि समारोह में वह संक्षिप्त संबोधन भी देंगे। भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको अस्थायी सदस्य बने हैं। वे अस्थायी सदस्यों इस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडा, ट्यूनिशिया, वियतनाम तथा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ इस परिषद् का हिस्सा होंगे।
अगस्त 2021 में यूएनएसी का अध्यक्ष बनेगा भारत : भारत अगस्त 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अध्यक्ष होगा और फिर 2022 में एक महीने के लिए परिषद् की अध्यक्षता करेगा। परिषद् का अध्यक्ष हर सदस्य एक महीने के लिए बनता है, जो देशों के अंग्रेजी वर्णमाला के नाम के अनुसार तय किया जाता है। झंडा लगाने की परंपरा की शुरुआत कजाकिस्तान ने 2018 में शुरू की थी।
क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।

कब हुई स्थापना : संयुक्त राष्ट्र संघ की तरह इसका स्थापना भी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई। सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। कोल्ड वार के कारण काफी समय तक सुरक्षा परिषद कमजोर रहा था। लेकिन कांगो वार और कोरियाई युद्ध के समय इसने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कई देशों में जरूरत के मुताबिक शांति मिशन भी भेजे गए थे। सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर दो वर्ष के बाद होता है।
दुनिया में शांति अभियानों की करता है अगुवाई : रुस के बिखरने के बाद सुरक्षा परिषद की ताकत में एकदम से इजाफा देखने को मिला और इसने दुनिया के कई हिस्सों में शांति अभियानों को अंजाम दिया। सुरक्षा परिषद ने कुवैत, नामीबिया, कंबोडिया, बोस्निया, रवांडा, सोमालिया, सूडान और कांगो में अस्थिरता के समय कई शांति अभियान चलाए।