Wednesday , April 23 2025 2:35 PM
Home / Spirituality / क्या थी राधा की अंतिम इच्छा, ऐसे हुई थी मृत्यु

क्या थी राधा की अंतिम इच्छा, ऐसे हुई थी मृत्यु

14
पहली बार कृष्ण राधा से दूर तब गए, जब जब मामा कंस ने उन्हें और बलराम को मथुरा आमंत्रित किया। वृंदावन के लोगों को जब यह बात पता चली, तो वह दुःखी हो गए।

मां यशोदा परेशान थीं, तो नंद बाबा चिंतित। सभी कृष्ण के रथ के चारों तरफ खड़े हुए थे। जो कान्हा के मामा ने उन्हें मथुला लाने के लिए भेजा था।

मथुरा जाने से पहले श्रीकृष्ण राधा से मिले थे। राधा, कृष्ण के मन में चल रही हर गतिविधि को जानती थीं। दोनों को बोलने की ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ी। आखिर राधा को अलविदा कह कृष्ण उनसे दूर चले गए।
लेकिन विधि का विधान कुछ और ही था। राधा एक बार फिर कृष्ण से मिलीं। राधा, कृष्ण की नगरी द्वारिका पहुंची। कृष्ण ने जब राधा को देखा तो बहुत प्रसन्न हुए। दोनों संकेतों की भाषा में एक दूसरे से काफी देर तक बातचीत करते रहे।
शास्त्रों में वर्णित है कि राधा जी को कान्हा की नगरी द्वारिका में कोई नहीं जानता था। राधा के अनुरोध पर कृष्ण ने उन्हें महल में एक देविका के रूप में नियुक्त किया। वे दिन भर महल में रहतीं, महल से जुड़े कार्यों को देखती और जब भी मौका मिलता दूर से ही कृष्ण के दर्शन कर लेती थीं।
लेकिन एक दिन राधा महल से दूर चली गईं। और भगवान कृष्ण उनके पास पहुंचे। यह दोनों का आखिर मिलन था। यह वह समय था, जब राधा अपने प्राण त्याग रही थीं। और अपने प्रिय को अलविदा कह रही थीं।
कान्हा ने राधा से पूछा, ‘वे इस अंतिम समय में कुछ मांगना चाहें।’ तब राधा ने एक ही मांग की और वह यह कि ‘वे आखिरी बार कृष्ण को बांसुरी बजाते देखना चाहती थी’।
पढ़ें : नाभि की इन 4 बातों से जानिए स्त्री का स्वभाव
कृष्ण ने बांसुरी ली और बेहद मधुर धुन में उसे बजाया, बांसुरी के मधुर स्वर सुनते-सुनते राधा जी ने अपना शरीर त्याग दिया। कहते हैं कृष्ण ने इस घटना के बाद अपनी बांसुरी तोड़ दी और फिर कभी वह बांसुरी नहीं बजाई जिसकी तान सुन राधाजी देवलोक की ओर चली गई थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *