Saturday , April 20 2024 10:51 PM
Home / News / India / ‘कोहिनूर’पर राजनीती , सरकार कहे तोहफा दिया, लोग कहें वापस लाओ |

‘कोहिनूर’पर राजनीती , सरकार कहे तोहफा दिया, लोग कहें वापस लाओ |

kohinoor_1461173768भोपाल/नई दिल्ली. कोहिनूर हीरे को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। इस हीरे पर भारत के अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान भी दावा जता चुके हैं। कोहिनूर के अलावा भी कई अनमोल चीजें विदेश में हैं जिन्हें लाने की बातें होती रहती हैं। इनमें मध्य प्रदेश के धार की सरस्वती प्रतिमा और श्रीरंगपट्टनम (कर्नाटक) के मंदिर से विष्णु की मूर्ति में लगी हीरे की आंख सहित कई बेशकीमती चीजें शामिल हैं। कोहिनूर पर किन देशों ने किए हैं दावे, क्या है इससे जुड़ा मिथ…

787 कैरेट का था जो अब महज 105 कैरेट ही बचा

-कोहिनूर पर मचे कोहराम के बीच देशवासियों के लिए बुरी खबर यह है कि चाहकर भी हमें वैसा हीरा नहीं मिलेगा, जो ब्रिटिश लेकर गए थे। तब से अब तक यह 81 कैरेट घट गया है।
-कोहिनूर की वापसी के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाचारी जाहिर करने वाली केंद्र सरकार, मामला गर्माता देख इसे हासिल करने की हर संभव कोशिश की बात कह रही है।
-जबकि हकीकत यह है कि सरकार चाहे जितने भी हाथ-पैर मार ले वह ब्रिटेन गया 186 कैरेट का हीरा नहीं ला सकेगी।
-पिछले 176 वर्षों में यह हीरा 81 कैरेट घट गया है।
-हैरानी की बात तो यह है कि पांच हजार साल पहले जब खान से निकला था तब यह 787 कैरेट का था जो अब महज 105 कैरेट ही बचा है।

अगर सरकार की मानें तो

-सुप्रीम कोर्ट को दी गई दलील में केंद्र सरकार का कहना था कि कोहिनूर न तो चुराया गया है, न किसी ने लूटा है।
-1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी को उपहार के तौर पर दिया गया था।
-देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसके तहत आजादी से पहले भारत से बाहर ले जाई गई वस्तुओं को वापस लाया जा सके।
-अगर सरकार की इस बात को सच मान लिया जाए तो देश की ऐसी बेशकीमती धरोहरों की लंबी फेहरिस्त होगी जिन्हें कभी वापस नहीं लाया ला सकता।
-इनमें से ज्यादातर ब्रितानियों के पास हैं और कई अब तक नीलाम भी हो चुकी हैं।

अन्य देश भी कर चुके हैं दावे

-2015 में लाहौर हाई कोर्ट में कोहिनूर को वापस लाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी।
-वहां के वकील का कहना था कि ब्रिटेन ने महाराजा रणजीत सिंह के पोते दिलीप सिंह से हीरा छीन लिया था, इस कारण उसे वापस लिया जाना चाहिए।
-पाकिस्तान हाई कोर्ट ने जनवरी 2016 में इसकी मंजूरी दी थी।
-कोर्ट द्वारा इसे स्वीकारे जाने का कारण ये था कि याचिका में तर्क दिया गया था कि यह उस प्रांत का था, जो अब पाकिस्तान में है।
-इसके अलावा अफगानिस्तान व ईरान भी कोहिनूर हीरे पर अपना दावा जता चुके हैं।

कोहिनूर से जुड़ी धारणाएं

-कहा जाता है कि इसे कोई पुरुष धारण नहीं कर सकता और जिन्होंने किया, उनके साथ हमेशा बुरा ही हुआ है।
-जब हीरा ब्रिटिश शाही परिवार में पहुंचा तो वहां भी यही बातें की जाने लगीं।
– उस वक्त महारानी विक्टोरिया ने ऐलान किया कि हीरे को ताज में जड़वाया जाएगा और इसे हमेशा राजघराने की महिलाएं ही धारण करेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *