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रूस के खिलाफ फ्रांस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल.. मैक्रों ने यूरोप को ऑफर की न्यूक्लियर प्रोटेक्शन, बोले खतरा बन गए हैं पुतिन


फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने यूरोपियन सहयोगियों को अपने परमाणु हथियारों से सुरक्षा देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यूरोप को रूस के खतरे को गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस अपनी रक्षा पर अधिक खर्च करेगा और यूक्रेन की मदद जारी रखेगा।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि रूस से पूरे यूरोप की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। ऐसे में खतरे को समझते हुए फ्रांस अपने परमाणु हथियारों से यूरोपीय सहयोगियों की रक्षा के लिए तैयार है। बुधवार को पेरिस में मैक्रों ने अपने एक भाषण में ये बात कही है। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस की ओर से यूक्रेन और यूरोप की हर मुमकिन मदद जारी रखी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति का ये बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका से यूरोप के रिश्ते अच्छे दौर में नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हालिया समय में यूक्रेन-रूस युद्ध समेत कई मामलों पर यूरोप से नाराजगी जताई है और नाटो से बाहर होने के संकेत दिए हैं। मैक्रों ने भी अमेरिकी प्रशासन की ओर से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में बदलाव लाने पर फिक्र जाहिर की है।
मैक्रों ने अपने टेलीविजन भाषण में कहा कि फ्रांस को रक्षा पर अधिक खर्च करना होगा और यूक्रेन की मदद जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से साथ मिलने की उम्मीद करते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो उस स्थिति के लिए भी यूरोप को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने अपने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे पता है कि आप हालिया घटनाओं को लेकर चिंतित हैं, जो विश्व व्यवस्था को बाधित कर रही हैं। ये सच है कि पुतिन के नेतृत्व में रूस आज फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा बन गया है।
यूरोप में दो देशों पर ही परमाणु हथियार – मैक्रों ने आगे कहा, ‘हमारा परमाणु शस्त्रागार हमारी रक्षा करता है और हम इसका इस्तेमाल पूरे यूरोप के लिए करेंगे। मैंने हमारे परमाणु निवारक के जरिए यूरोपीय महाद्वीप पर हमारे सहयोगियों की सुरक्षा पर रणनीतिक बहस शुरू करने का फैसला किया है।’ अभी तक फ्रांस की परमाणु निवारक रणनीति रक्षात्मक रही है और इसका उद्देश्य देश के अपने महत्वपूर्ण हितों की रक्षा करना है।
फ्रांस और ब्रिटेन ही यूरोप के दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। फ्रांस का परमाणु निवारक हवा और समुद्र पर आधारित है। राफेल लड़ाकू जेट और परमाणु पनडुब्बियां फ्रांसीसी राष्ट्रपति के निर्देश पर तुरंत हमला कर सकती हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के अनुसार, फ्रांस के पास अनुमानित 290 और यूके के पास 225 परमाणु हथियार हैं। दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का करीब 88 फीसदी हिस्सा अमेरिका और रूस के पास है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बदले रुख के बाद यूरोपीय देश रक्षा खर्च बढ़ाने और यूक्रेन के लिए समर्थन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैक्रों ने यह भी कहा कि फ्रांस रक्षा पर अधिक खर्च करेगा। हालांकि उन्होंने इसका कोई आंकड़ा नहीं बताया है। ऐसा दावा भी किया जा रहा है कि ट्रंप और जेलेंस्की की बहस के बाद फ्रांस और ब्रिटेन यूक्रेन के साथ एक शांति योजना को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं।