पीसीओडी (PCOD) यानि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसॉर्डर आजकल आम सुनने को मिल रहा है, हर 15 में से 1 औरत इस विकार की शिकार है। यह विकार तब होता है जब शरीर में हार्मोंन्स का असंतुलन पैदा होता है। इस कंडीशन में महिला की ओवरी बड़ी हो जाती है अगर यह समस्या लगातार बनी रहे तो न केवल ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि आगे चल कर यह समस्या कैंसर का रुप भी ले लेती है। यह एक जीवन शैली संबंधी विकार है जो शरीर की अंतःस्रावी प्रणाली को प्रभावित करता है। धीरे-धीरे इससे महिला की मासिक चक्र अनियमित और दर्ददायक होता जाता है।
लक्षण:
– चेहरे व शरीर पर अनचाहे बाल
-शरीर पर मुंहासे और दाग-धब्बे
– बालों का झड़ना व गंजापन
– घटता व बढ़ता वजन
– बहुत ज्यादा आयली स्किन
– डैंड्रफ की परेशानी
-स्वभाव में परिवर्तन
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*कुछ जरूरी बातें
इसके अलावा भी पीसीओडी से जुड़ी बहुत सारी बातें हैं जो शायद आप नहीं जानते
1. बहुत सारे लोगों की तरह अगर आप भी यहीं सोचते हैं कि इस डिसार्डर की शिकार
मोटी औरतें होती हैं तो अाप गलत है। बहुत सारे केसों में देखा गया है कि नॉर्मल और इससे कम वजनी औरतें को भी यह प्रॉब्लम का सामना कर पड़ा है।
2. भले ही आप सिस्ट से ग्रस्त ना हो लेकिन शरीर में अतिरिक्त एंड्रोजन (पुरुष) हार्मोन पीसीओडी कारण बन सकते है जिससे चेहरे व शरीर पर अनचाहे बाल आने शुरू हो जाते हैं।
3. शरीर में बढ़ते हुए मेल हार्मोंन्स पीसीओडी की ही निशानी है, जिससे चेहरे पर पिंपल्स,दाग-धब्बे, बाल झड़ने, ठुड्डी, गाल, गर्दन छाटी और पेट पर अनचाहे बाल हो सकते हैं।
4. यह विकार शरीर में विटामिन की कमी भी लाता है। विटामिन बी12 की कमी से स्वभाव में परिवर्तन, थकान, हाथों-पैरों का सुन्न होना आदि होता है।
5. इस विकार की शिकार औरतें चिड़चिड़ेपन, चिंता और तनाव से ग्रस्त होती है।
*पीसीओडी की परेशानी को कैसे करें दूर
तेजी से बदलता लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतें, बढ़ता प्रदूषण, तनाव और एक्सरसाइज ना करना पीसीओडी के मुख्य कारण हैं। भारत में 17प्रतिशत महिलाएं इस विकार की चपेट में है। यह विकार आगे चलकर डायबिटीज और दिल को बिमारी जैसी गंभीर समस्यायों का कारण भी बनता है लेकिन अगर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाया जाए तो इस समस्या को होने से राका जा सकता है। सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद लेकर आप खुद को हैल्दी भी रखें इससे आपकी प्रजनन क्षमता में भी सुधार आता है।