इस्लामाबादः टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स (FATF) की एक टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई है। ये टीम इस बात का जायज़ा लेगी कि पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। FATF का नौ सदस्यीय दल रविवार को पाकिस्तान पंहुचा जो 12 दिनों तक वहीं रुकेगा। इस दौरान FATF की टीम पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग के उन कदमों की समीक्षा करेगी जिसकी घोषणा इस साल के शुरू में पाकिस्तान ने की थी।
FATF की टीम में ब्रिटिश स्कॉटलैंड यार्ड, अमेरिकी ट्रेज़री विभाग, मालदीव की वित्तीय खुफिया इकाई, इंडोनेशियाई वित्त मंत्रालय, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना और तुर्की के न्याय विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं। पाकिस्तान को इस साल जून में पेरिस में FATF बैठक के बाद आतंकवाद संबंधित गुटों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने वाले देशों की ‘ग्रे सूची’ में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था।
पाकिस्तान और FATF ने बातचीत करके आतंकवादियों को आर्थिक और वित्तीय मदद रोकने के लिए 10 बिंदुओं का कार्यक्रम तैयार किया था। इस साल अगस्त महीने में FATF की टीम पाकिस्तान आई थी। इस दौरान FATF की टीम ने पाकिस्तान एंटी मनी लॉन्डरिंग कानून और टेरर फंडिंग को रोकने वाले क़ानून की खामियों को चिन्हित किया था।
FATF टीम के अधिकारी अपनी वर्तमान यात्रा के दौरान वित्त, विदेश मामलों और कानून के मंत्रालयों के अधिकारियों से मुलाक़ात करेंगे। इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, नेशनल काउंटर-आतंकवाद प्राधिकरण, संघीय जांच एजेंसी, फेडरल बोर्ड ऑफ राजस्व, राष्ट्रीय उत्तरदायित्व ब्यूरो, एंटी-नारकोटिक्स फोर्स, फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट, केंद्रीय निदेशालय के अधिकारियों से मिलने की भी संभावना है। 1989 में FATF को मनी लॉंडरिंग,आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था।