Sunday , June 11 2023 3:00 AM
Home / Hindi Lit / कहानी / गुरू आज्ञा का पालन करने के लिए शिष्यों ने पार की विचित्र कसौटियां

गुरू आज्ञा का पालन करने के लिए शिष्यों ने पार की विचित्र कसौटियां

story1

ऋषि धौम्य के आश्रम में कई छात्र रहते थे। वह उन्हें पूरी तत्परता से पढ़ाते, साथ ही उनकी कड़ी परीक्षा भी लेते रहते थे। इन परीक्षाओं में अलग-अलग कसौटियां तय की जातीं और देखा जाता कि विद्यार्थी सीखी गई विद्या और गुरु के प्रति कितना निष्ठावान है।

एक दिन मूसलाधार वर्षा हो रही थी। गुरु ने अपने एक छात्र आरुणि से कहा, ‘बेटा खेत की मेड़ टूट जाने से पानी बाहर निकला जा रहा है, सो तुम जाकर उसे बांध आओ।’

आरुणि तत्काल उठ खड़ा हुआ और खेत की ओर चल दिया। पानी का बहाव तेज था। आरुणि ने मिट्टी जमाने की कोशिश की पर बहाव रुका नहीं। कोई उपाय न देख आरुणि उसी स्थान पर लेट गया। इस प्रकार उसने पानी को रोक दिया, मगर उसे खुद वहां लेटे रहना पड़ा। बहुत रात बीत जाने पर भी जब वह न लौटा तो धौम्य को चिंता हुई। वह खेत पर उसे ढूंढने पहुंचे। देखा तो आरुणि पानी को रोके मेड़ के पास लेटा था।

देखते ही गुरु जी भाव-विभोर हो गए। कुछ दिनों बाद धौम्य ने अपने एक और शिष्य उपमन्यु की परीक्षा ली। उसे गायों को चराते हुए अध्ययन करते रहने की आज्ञा दी, पर उसके भोजन का कुछ प्रबंध न किया और देखना चाहा कि आखिर वह किस प्रकार काम चलाता है। उपमन्यु भिक्षा मांगकर भोजन करने लगा। वह भी न मिलने पर गऊओं का दूध दोहकर अपना काम चलाने लगा।

एक दिन धौम्य ने उसे टोका, ‘बेटा उपमन्यु एक छात्र के लिए उचित है कि वह आश्रम के नियमों का पालन करे और गुरु की आज्ञा के बिना कोई कार्य न करे।’

उसने अपनी भूल स्वीकार की और कहा, ‘मैं वचन देता हूं कि आश्रम की व्यवस्था का पालन करूंगा।’

उसने कई दिन तक निराहार रहकर अपने प्रण का पालन किया तो धौम्य प्रसन्न हो गए।

About indianz xpress

Pin It on Pinterest

Share This