नई दिल्ली. यूक्रेन में बना दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो प्लेन ‘एंटोनोवएन-225 मिरिया’ शुक्रवार रात हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। ये प्लेन तुर्कमेनिस्तान से होता हुआ भारत आया है। बता दें कि ये कार्गो प्लेन अपनी पहली कमर्शियल फ्लाइट के लिए मंगलवार को कीव से रवाना हुआ था। यह अगले रविवार ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में लैंड करेगा। प्लेन में 117 टन वजनी इलेक्ट्रिक जनरेटर है। इसे ऑस्ट्रेलिया की एक माइनिंग कंपनी को डिलिवर करना है। एक बार में ले जा सकता है 640 टन सामान, किस वजह से भारत में लैंड हुआ कार्गो…
कुछ इस तरह का है कार्गो प्लेन
– कीव से पर्थ की जर्नी में हेवी लोड के कारण प्लेन को तुर्कमेनिस्तान, भारत और मलेशिया में रोक कर ईंधन भरना है।
– 600 टन वजनी कार्गो जेट में छह इंजन लगे हैं। एक बार में 640 टन सामान ले जा सकता है।
– वर्ल्ड का अकेला ऐसा प्लेन है, जिसका विंग एरिया बोइंग 747 प्लेन के विंग एरिया से तकरीबन दोगुना है।
– बोइंग 747 विंग का एरिया 5825 स्क्वेयर फीट होता है। जबकि इसका विंग एरिया 9,740 स्क्वेयर फीट है।
– यह दो एयरक्राफ्ट का वजन ढो सकता है या 10 ब्रिटिश टैंक लादकर उड़ सकता है।
– बिना वजन के ये प्लेन बिना रिफ्यूलिंग के 18 घंटे तक नॉन स्टॉप उड़ सकता है।
नासा भी कर चुका है यूज
– 80 के दशक में डिजाइन किए गए इस कार्गो का लंबे वक्त तक सोवियत आर्मी ने यूज किया था।
– नासा ने इसका इस्तेमाल स्पेसशिप ले जाने के लिए किया था।
ये है कार्गो प्लेन की खासियत
– कार्गो प्लेन 84 मीटर लॉन्ग और 18.1 मीटर हाइट है। इसके विंग की लंबाई 88.4 मीटर है।
– इसके अलावा 32 टायरों का लैंडिंग गियर सिस्टम है। इसका वजन 600 टन है। छह इंजन लगे हैं।