
आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को उनकी किताब ‘मिल्कमैन’ के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर अवॉर्ड-2018 से सम्मानित किया गया है। यह किताब एक युवती की दर्दभरी दास्तां है जो ताकतवर शख्स के हाथों शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होती है। पुरस्कार का निर्णय लेने वाले जजों के पैनल ने कहा कि बर्न्स ने अपनी इस किताब में उस युवती के दर्द का बखूबी अहसास कराया है।
आयरिश लेखिका को मिल्कमेन किताब लिखने के लिए प्रतिष्ठित बुकर पुरुस्कार मिलने पर हार्दिक बधाई देते है |
‘मिल्कमैन’ की प्रशंसा करते हुए जज एपियाह ने कहा कि हममें से किसी ने भी ऐसी किताब अब तक नहीं पढ़ी। एना बर्न्स की इस किताब में क्रूरता और यौन शोषण को खामोशी और दर्द के साथ पेश किया गया है। खुद बर्न्स मैन बुकर प्राइज वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में कहती हैं कि यह किताब केवल नामों को ही नहीं बताती है। यह ताकत और वातावरण से निकलकर एक अलग ही दुनिया से रूबरू कराती है।
बुकर पुरस्कार जीतने पर बर्न्स को 50 हजार पॉन्ड नगद राशि भी मिलेगी। बेलफास्ट में जन्मीं और ईस्ट ससेक्स में रहने वाली 56 साल की बर्न्स इससे पहले दो किताबें लिख चुकी हैं। इन किताबों के नाम हैं- नो बोंस और लिटिल कंसट्रक्शंस। साल 2011 में बर्न्स विनिफ्रेड होल्टी मेमोरियल प्राइज जीत चुकी हैं। वह 2002 ऑरेंज प्राइज में फिक्शन के लिए शॉर्टलिस्टेड भी हो चुकी हैं।
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