अगले सप्ताह शुरू हो रहे ओलिंपिक में चुनौती पेश करने को तैयार दीपिका कुमारी को अपनी 19 महीने की बेटी की कमी खल रही है, लेकिन इस भारतीय तीरंदाज के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित खेल आयोजन में पदक के सपने को पूरा करने के सामने यह बहुत छोटा सा त्याग है। दीपिका चौथी बार ओलिंपिक खेलों में हिस्सा ले रही है लेकिन उन्हें अब भी इन खेलों में अपने पहले पदक का इंतजार है। दीपिका को बेटी से दूर रहने की निराशा है लेकिन ओलिंपिक पदक के सामने उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है।
दीपिका ने कहा, ‘अपनी बेटी से दूर होने के दर्द को बयां करना मुश्किल है, लेकिन यह उस चीज को हासिल करने के बारे में भी है जिसके लिए हम इतने सालों से लगातार मेहनत कर रहे हैं।’ दीपिका ओलिंपिक की तैयारियों के लिए लगभग दो महीने तक बेटी से दूर रही। पेरिस के लिए उड़ान भरने से पहले पुणे के सेना खेल संस्थान में वह कुछ समय के लिए अपने पति तीरंदाज अतनु दास और अपनी बेटी के साथ रही।
दीपिका को खल रही है अपनी बेटी की कमी – दीपिका ने कहा, ‘मुझे उसकी काफी कमी खलती है, लेकिन इसमें कुछ नहीं कर सकते है। वह किसी के साथ भी जल्दी घुलमिल जाती है और वह अतनु और मेरे ससुराल के लोगों के साथ अच्छी तरह से घुलमिल गई है।’ दीपिका के लिए दिसंबर 2022 में मां बनने के बाद खेलों में वापसी करना काफी मुश्किल था। उनकी मांसपेशियों में जकड़न आ गई और उनके लिए 19 किलो का धनुष उठाना लगभग असंभव हो गया।
अतनु ने उस समय को याद करते हुए कहा, ‘हमने इस तरह से योजना बनाई थी कि हम पेरिस में प्रतिस्पर्धा कर सकें। लेकिन मां बनने के बाद उसके लिए सब कुछ शून्य से शुरू करने जैसा था।’ उन्होंने कहा, ‘तीर चलाने के धनुष उठाने तो दूर की बात थी वह अपने दैनिक काम को भी करने में सक्षम नहीं थी। उसने धीरे-धीरे जॉगिंग करना शुरू किया और फिर जिम में बहुत मेहनत की।’ दीपिका को तो यहां तक लग गया था कि उनका करियर खत्म हो गया है।
Home / Sports / देश के लिए मां का त्याग… 19 महीने की बेटी को छोड़ दीपिका ओलिंपिक में मेडल जीतने पहुंची पेरिस