नॉर्वे की रहने वाली नानो का दावा है कि उनके अंदर से बिल्ली जैसी रहने की भावना आती है। इसी वजह से उनके इंसानी शरीर में चाल-चलन और हरकतें बिल्लियों जैसी ही हैं।
नानो की मानें तो दूसरों की तुलना में उनकी सूंघने की शक्ति अधिक है और वे अंधेरे में भी ज्यादा बेहतर तरीके से देख सकती हैं। अपनी बेस्ट फ्रेंड स्वेन के साथ बिल्लियों की भाषा में म्याऊं करके बात करती हैं।
नानो को पानी से चिढ़ है। नानो को बिल्ली बने रहना अच्छा लगता है, हालांकि वो खुद मानती हैं कि उनमें एक जेनेटिक डिफेक्ट है।अब नानो की उम्र 20 साल हो चुकी है, लेकिन उनके मुताबिक उनसे जुड़ी ऐसी हैरान कर देने वाली बात का अहसास उन्हें 16 साल की उम्र में ही हो गया था।
उन आइडेंटिटी क्राइसिस की शिकार नानो के बारे में साइकोलॉजिस्ट्स का कहना है कि नानो इस स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। लेकिन नानो खुद पूरी जिंदगी बिल्ली ही बनी रहना चाहती हैं।