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बच्‍चे की इन बातों से टूट कर बिखर जाते हैं मां-बाप, फिर नहीं रूकते आंख के आंसू


अगर आप पेरेंट हैं, तो हमारी इस बात से आप जरूर सहमत होंगे कि बच्‍चों की परवरिश करना आसान नहीं है। इस जर्नी में मां-बाप को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनके सामने कई बार ऐसी परिस्थितियां भी खड़ी हो जाती हैं, जहां उनके लिए खुद को संभाल पाना मुश्किल हो जाता है।
कई बार बच्‍चे अपने मां-बाप से गुस्‍सा हो जाते हैं या उनसे गलत तरीके से व्‍यवहार करते हैं। बच्‍चों की इन हरकतों को मां-बाप दिल से लगा लेते हैं या दुखी हो जाते हैं जबकि उन्‍हें ऐसा करने से बचना चाहिए। यहां हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जो पेरेंट्स को अपने दिल से नहीं लगानी चाहिए।
बच्‍चों के मूड स्विंग्‍स – बच्‍चों के मूड स्विंग्‍स रोलर कोस्‍टर की तरह होते हैं जिसमें बदलाव आते रहते हैं। अगर आपका बच्‍चा खराब मूड में है, तो आप उसे थोड़ा स्‍पेद दें और उसे परेशान न करें या उससे बार-बार कोई सवाल न पूछें। आप बच्‍चे के भावनात्‍मक स्‍तर को समझने की कोशिश करें। अभी वो अपनी भावनाओं को समझने और उन्‍हें नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है।
बच्‍चों की आजादी – पेरेंट्स अपने बच्‍चों के लिए कुछ लिमिट और बाउंड्री बनाते हैं और उम्‍मीद करते हैं कि बच्‍चा उसे फॉलो करे। हालांकि, अपने डेवलपमेंट फेज में बच्‍चा अपनी सीमाओं को तोड़कर कुछ अलग करने की कोशिश में लगा रहता है। जब बच्‍चे को इस पर मां-बाप की प्रतिक्रिया मिलती है और उसे लगता है कि उसकी आजादी का हनन हो रहा है, तो वो उल्‍टे जवाब देने लग सकता है। ऐसे में आपको बुरा मानने के बजाय बच्‍चे का मार्गदर्शन करना है।
बच्‍चे का भूल जाना – बच्‍चों की याद्दाश्‍त कमजोर होती है। हो सकता है कि वो आपको किया कोई वादा या काम भूल गया हो। इस समय पेरेंट्स को गुस्‍सा आना लाजिमी है लेकिन आपको धैर्य से काम लेना होगा और परिस्थिति को समझने की कोशिश करनी होगी। इससे बेहतर है कि आप बच्‍चे को उसका काम या वादा याद दिलाते रहें।
भाई-बहन में लड़ाई – हर घर में भाई-बहन के बीच लड़ाई होती ही है और आप इसे अपनी पेरेंटिंग एबिलिटी पर सवाल न समझें। आप अपने दोनों बच्‍चों के लिए घर पर सकारात्‍मक माहौल बनाने की कोशिश करें। उनके बीच आपसी सहयोग विकसित करें।
आपकी आलोचना करना – जब बच्‍चे थोड़े बड़े हो जाते हैं, तो वो अपने मां-बाप की ही गलतियां निकालने लगते हैं। कई बार बच्‍चों की बातें मां-बाप के दिल को चुभ जाती हैं। आपको इन पर ध्‍यान देने के बजाय ये सोचना चाहिए कि आपको खुद कहां सुधार करने की जरूरत है।