बहुत कमाल है एक लोटा जल : सनातन धर्म में ईश्वर पर जल चढ़ाने का महत्व काफी विस्तार से बताया गया है। यह केवल आस्था का विषय नहीं है। बल्कि इसका संबंध सेहत से भी माना जाता है। तो इस आर्टिकल में हम आपको इस बारे में ही बता रहे हैं कि कैसे सूर्यदेव को एक लोटा जल चढ़ाने से पलक झपकते ही दूर हो जाती हैं सारी दिक्कतें?
जल के लिए ध्यान रखें इस बात के : जल चढ़ाने से पहले इसके नियमों को जान लेना जरूरी है। सबसे पहले सूरज निकलने से उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर एक लोटा जल लें, उसमें एक चुटकी रोली, गुड़ और लाल फूल डाल दें। इसके बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। ध्यान रखें जल अर्पित करते समय उसकी छीटें पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए।
इस पक्ष से शुरू करें जल अर्पित करना : अपनी मन्नतों का एक लोटा जल शुक्ल पक्ष से चढ़ाना शुरू करें। इसके बाद नियमित रूप से सूर्यदेव को जल अर्पित करना शुरू करें। जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जप पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करें। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद प्रार्थना जरूर करें कि वह आपकी मन्नत पूरी करें। वहीं जल अर्पित करने के दौरान जाने-अंजाने हुई त्रुटियों के लिए क्षमा करें और प्रसन्न हों।
जल से ऐसे दूर हो जाती हैं सारी प्रॉब्लम्स : अगर गृहदोष से परेशान हों तो एक लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा सा दूध मिला लें। इसे सोते समय अपने सिरहाने रख लें। इसके बाद सुबह-सवेरे उठकर इसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें। ध्यान रखें कि जब जल तक जल बबूल पर न चढ़ा दें तब तक आप किसी से बात न करें और न ही कोई आपसे बात करें। मान्यता है कि ऐसा करने से धीरे-धीरे सारे गृहदोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही सभी कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सफलता मिलने लगती है।