कोलंबो : श्रीलंका में अलगाववादियों के साथ करीब अढ़ाई दशक तक चले संघर्ष के दौरान लापता हुए लोगों के परिजनों की भूख हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। भूख हड़ताल पर बैठे परिजनों मेें से 4 महिलाओं की हालत बिगड़ती जा रही है।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि वावुनिया प्रांत में सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठे ये लोग अपने लापता रिश्तेदारों के बारे में पर्याप्त जानकारी न मिलने का विरोध कर रहे है। ये तब है जब सरकार ने लापता लोगों की तलाश के लिए एक दफ्तर खोला है। तमिलों के प्रभाव वाले इस उत्तरी प्रांत के मुख्यमंत्री सी वी विघ्नेश्वरन ने प्रदर्शनकारियों की गिरती सेहत पर चिंता जाहिर करते हुए कल राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को एक खत लिखा।
उन्होंने कहा, ‘‘खाने की बात तो छोडिए उन्होंने आज तीसरे दिन एक घूंट पानी भी नहीं पिया। उनमें से कई बेहद बुजुर्ग हैं और थके हुए नजर आ रहे हैं। अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो कई बहुमूल्य जिंदगियों को खो देंगे।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि लापता लोगों का दफ्तर सिर्फ नाम का है और उसके पास कोई अधिकार नहीं हैं। संसद में कल प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे ने कहा था कि उनका मानना है कि लापता लोगों में से कई अब तक जिंदा नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ये सरकार को तय करना है कि उनके लिए मुआवजा दिया जाए।’’