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DeepSeek ऐप का पूरी दुनिया में जलवा, डाउनलोडिंग में भारत में टॉप पर


चीन के डीपसीक ऐप ने दुनिया भर में धूम मचा दी है। यह ऐप अमेरिका के ऐप स्टोर टॉप पर है। भारत में भी इसके डाउनलोड की संख्या काफी अधिक है। हालांकि, कई देशों ने डेटा सुरक्षा कारणों से इस ऐप को बैन करना शुरू कर दिया है। डीपसीक को ChatGPT के मुकाबले कम लागत में बनाया गया है।
DeepSeek का जलवा पूरी दुनिया में देखा गया। इस ऐप ने अमेरिकी शेयर बाजार को क्रैश कर दिया। वही भारत में भी यह ऐप टॉप चार्ट पर बना हुआ है। DeepSeek ऐप 26 जनवरी को ऐपल ऐप स्टोर पर ग्लोबली पहला पायदान हासिल कर लिया था। Appfigures data डेटा की मानें, तो DeepSeek ऐप के डाउनलोड में भारत हिस्सेदारी 15.6 फीसद है। मतलब अगर पूरी दुनिया में 100 लोगों ने ऐप को डाउनलोड किया हैं, तो उसमें 16 भारतीय शामिल थे।
डाउनलोडिंग में टॉप पर पहुंचा DeepSeek ऐप- यह ऐप अमेरिका में Android Play Store पर टॉप पोजिशन पर पहुंच गया है। सेंसर टॉवर रिसर्च की मानें, तो लॉन्च के पहले 18 दिनों में ऐप को 16 मिलियन डाउनलोड मिले हैं। बता दें कि ऐप के लॉन्च होने के 18 दिनों में OpenAI के ChatGPT को लॉन्च पर करीब 9 मिलियन डाउनलोड मिले थे। वही डीपसीक को इससे करीब दोगुना डाउनलोड किया गया है।
DeepSeek को किया जा रहा बैन – हालांकि इसके अब तक के कुल यूजर ChatGPT के मुकाबले कम हैं। साथ ही DeepSeek ऐप को पॉपुलैरिटी पर रोक लग सकती है, क्योंकि कई देश इस ऐप पर बैन लगा रहे हैं। दरअसल कई देश डीपसीक के डेटा इस्तेमाल को लेकर सतर्क हो गए हैं। ब्लूमबर्ग न्यूज की मानें, तो सैकड़ों फर्मों और सरकारी संस्था ने एहतियात के तौर पर डीपसीक को ब्लॉक कर दिया है।
किसने बनाया डीपसीक – DeepSeek का फाउंडर देश चीन है। चीन के सीईओ लियांग वेनफेंग ने चैटजीपीटी को बनाया है। इनके पिता एक प्राइमरी स्कूल टीचर थे। सबसे खास बात है कि डीपसीक को मात्र 5 से 6 मिलियन डॉलर में बनाया गया है, जो कि चैटजीपीटी के मुकाबले काफी सस्ता है। बता दें कि चैटजीपीटी को बनाने में कई बिलियन डॉलर खर्च हुये थे। डीपसीक को पुराने कंप्यूटिंग चिप की मदद से तैयार किया गया है, क्योंकि यूएस ने चीन को इंपोर्ट किये जाने वाले एडवास्ड चिप पर बैन लगा दिया था।