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हमारी ईमानदारी और जिम्मेदारी अब इस देश के प्रति होनी चाहिए : महेश बिंद्रा

आलोक गुप्ता –

न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी से गत 10 वर्षों से जुड़े और संसद में पार्टी के एकमात्र भारतीय सांसद महेश बिंद्रा इन दिनों सघन चुनाव प्रचार में व्यस्त है। बेहद सहज, मिलनसार और आत्मीयता रखने वाले महेश भारतीयता का सच्चा प्रतिनिधित्व करते नज़र आते है। न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी के महत्त्वपूर्ण एवं कर्मठ सदस्य के रूप में उनकी ख्याती है। साथ ही पार्टी की छवी को सभी अल्प-संख्यक समुदाय में सकारात्मक बनाए रखने में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है- इसी के चलते Indianz X-PRESS ने उनसे बातचीत की-
प्रश्न: आपको आगामी आम चुनाव में आपकी पार्टी न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट की क्या संभावना लग रही हैं ?
उत्तर: देखिये हमारा कैंपेन तो 2014 से ही चालू था। हम जितने भी टीम सदस्य है विशेषकर हमारे नेता विंस्टन पीटर्स तो तबसे ही दिन रात लोगों में जागरूकता फैलाने में लगे हैं। क्योंकी हमें पता था कि हमारे देश के लिए, हमारे समाज के लिए और हम सब के लिए यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला हैं।
प्रश्न: न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी का इमीग्रेशन एक बहुत बड़ा मुद्दा है, आप इसको किस द्रष्टिकोण से देखते हैं ?
उत्तर: मैं इसको बहुत ही व्यवहारिक द्रष्टिकोण से देखता हूँ जैसे कि पार्टी देखती है, हम लोग इमीग्रेशन के विरोध में नहीं है लेकिन इस समय जैसा बेहिसाब, बेतरतीब और अव्यवहारिक इमीग्रेशन है, हम इसके विरोध में हैं। वह इसलिए क्योंकि इस असीमित इमीग्रेशन का उपयोग लोगों की तनख्वाह को नीचे रखने के लिए और अर्थव्यवस्ता में सस्ती मजदूरी दर बनाये रखने के लिए किया जा रहा है। हम इसके उस दुरुपयोग के खिलाफ है न कि इमीग्रेशन के। जो इमिग्रेंट आपको भी पता है कि इस वक्त आ रहे हैं वह क्वालिटी के मान से देखें तो उनको हमारी जरूरत है न कि हमको उनकी। और उनके साथ भी अन्याय ही हो रहा है, यहाँ की इंडस्ट्री में सस्ती लेबर सप्लाई करने के लिए उनका भी दुरुपयोग ही किया जा रहा है। हम चाहते है कि स्किल्ड माइग्रेंट आये क्योंकि हमारा देश छोटा है। 70-72 हज़ार इमिग्रेंट हर वर्ष लेना हमारे देश और समाज दोनों के लिए ही बहुत घातक है।
प्रश्न: क्या हमारी दूसरी सबसे बड़ी समस्या हाउसिंग का कारण भी यह अतार्किक इमीग्रेशन ही है ?
उत्तर: देखिये इसे समझने के लिए आपको कोई बहुत दिमाग लगाने कि जरूरत नहीं हैं। जब आप 70-72 हज़ार इमिग्रेंट हर वर्ष बाहर से बुलाएंगे और आपके पास उनके लिए नौकरियां, कारोबार, घर नहीं होंगे, अच्छे स्कूल, अच्छी स्वाथ्य सुविधाएं नहीं होंगी तो इसका असर सब पर पड़ना लाजमी हैं। हाउसिंग की समस्या भी उसी का नतीजा है। आप इतने लोगों को बुला तो रहें है लेकिन आपके पास उनके रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कि कारण घरों की कीमतें इतनी बेहिसाब बड़ रहीं है और लोग बेघर हो रहें हैं।
प्रश्न: इस समस्या के समाधान के लिए न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी की क्या पालिसी हैं जिन्हें लोगो को जानना चाहिए ?
उत्तर: देखिये जो हमारे भारतीय समुदाय की मुख्य समस्याएं हैं वही हमारी किवी कम्युनिटी की भी हैं। हम चाहते है कि हमारा देश चौतरफा विकास करे और पहले जो लोग यहाँ रह रहे है उनको सारी सुविधाएँ मुहैया हों और केवल उन लोगो को यहाँ लाया जाए, जिनकी कि, देश को जरूरत है।
प्रश्न : आगामी चुनाव परिणाम आप किस तरह देखतें हैं?
उत्तर : मेरा आग्रह है कि चुनाव को लेकर जो भी पोल आप देख रहें है आप इस पर मत जाएँ। इतिहास गवाह है कि यह पोल 200-300 प्रतिशत तक गलत साबित हुए हैं। पिछले चुनाव में इन पोल्स ने कहा था कि हमें 3.6% वोट मिलेंगे और हकीकत में हमको 8.6 % वोट मिले थे। आप सोच सकते हैं कि यह पोल्स कितने भटकाने वाले साबित होते हैं। इसलिए हमारा विश्वास केवल मतदान वाली रात के नतीजों पर है।
प्रश्न: मीडिया न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी के इतना खिलाफ क्यों रहता हैं ?
उत्तर: मुख्य धारा का मीडिया जरूर हमारे खिलाफ है, लेकिन ‘एथनिक’ मीडिया हमारे विरोध में नहीं है ऐसा मेरा मानना है। मुख्य धारा का मीडिया इसलिए क्योंकि हम लोग सच्ची बात करते हैं और उनको बात को ट्विस्ट करने का अवसर देते नहीं हैं। जिस तरह सरकार को हम कटघरे में खड़ा रखते है उसी तरह हम मीडिया को भी रखते हैं। यह हमारी लोकतांत्रित शक्ती हैं कि हम सच को सच कहने में शर्माते नहीं हैं और ना ही डरते हैं।
प्रश्न: एक भारतीय होने के नाते आप अपने समुदाय को क्या संदेश देना चाहतें हैं ?
उत्तर: मैं यहीं कहना चाहूँगा कि आप मुख्य-धारा के मिडिया की इस बात पर कि न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी या विंस्टन पीटर्स नस्लवादी हैं, इस बात पर मत जाइए| आप देखें भारतीयों ने लेबर पार्टी को सालों साल इतना सहयोग दिया, बहुत दान-दक्षिणा भी दी लेकिन आप देखे संसद में उन्होंने अब से पहले तक एक भी भारतीय को प्रतिनिधित्व नहीं दिया। नेशनल की भी इतनी बड़ी पार्टी में केवल दो भारतीय संसद है , जबकी हमारी पार्टी का मेरे रूप में संसद में 10% का प्रतिनिधित्व है। तो यह समझना कि न्यूज़ीलैण्ड फर्स्ट पार्टी एक नस्लवादी पार्टी है बिलकुल गलत है। लोगो को यह समझना पड़ेगा कि कौन भारतीयों के साथ है और कौन उनका दुरूपयोग करता रहा है।
अब जब हम लोग यहाँ आ गए हैं तो हम लोग अब न्यूज़ीलैण्डर्स हैं और हमें भारतीय रहते हुए भी हमारी ईमानदारी, हमारी जिम्मेदारी अब इस देश के प्रति होनी चाहिए जिसने हमें इतने प्रेम से अपनाया है और इतने अनेकानेक अवसर दिए हैं।